फ्लाईओवर में दो वाहनों की जोरदार भिड़ंत में नौ घायल, जानिए दुर्घटनाओं में इस साल कितनों की गई जान, क्या हैं कारण
उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके कारण भी अधिकारी अंगुलियों में गिना देते हैं, लेकिन सिलसिला थाने के उपाय धरातल पर नहीं उतार सके। देहरादून में डोईवाला स्थित लच्छीवाला फ्लाईओवर में दो अर्टिगा कार और बुलेरो वाहन की आमने सामने की जबरदस्त टक्कर से इन वाहनों में सवार नौ लोग बुरी तरह घायल हो गए। मौके पर पहुंची पुलिस ने 108 सेवा के जरिये सभी घायलों को जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती कराया। साथ ही जेसीबी से दोनों वाहनों को सड़क से हटाकर रास्ते को क्लीयर किया।
घटना बुधवार शाम की है। कर्णप्रयाग से देहरादून की ओर आ रहा बोलेरो वाहन फ्लाईओवर पर सामने से आ रही अर्टिका कार से टकरा गया। बोलेरो गाड़ी (यूके 12 टीए 0926) में आलोक सिंह पुत्र गजेंद्र सिंह हर्रावाला निवासी व पवन पुत्र गोपाल सिंह कर्णप्रयाग चमोली गढ़वाल निवासी सवार थे, जो घायल हो गए। वहीं, अर्टिगा कार (यूके 07 एटी 8914) में सवार सना पुत्री सलाउद्दीन, नफीस अहमद पुत्र रफीक अहमद, जावेद पुत्र अब्दुल मलिक, शम्मी पुत्र अलीम अहमद, मोहम्मद फारुख पुत्र मोहम्मद दीन, रिजवान पुत्र हाफिज सलाउद्दीन, नदीम अहमद पुत्र समीर अहमद अफजलगढ़, जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश घायल हो गए। सभी सातों लोग एक ही परिवार के हैं। पुलिस ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त सभी घायलों का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। अभी किसी भी पक्ष द्वारा कोतवाली में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई। दुर्घटनाग्रस्त दोनों वाहनों को कोतवाली लाया है।
दुर्घटनाओं का बढ़ा ग्राफ, गिना रहे हैं ये कारण
उत्तराखंड में दुर्घटनाओं का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कारणों का जब अध्ययन किया गया तो यह बात सामने आई कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग के कारण हो रही है। प्रदेश में हुई कुल दुर्घटनाओं में से 72.71 दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग के कारण हो रही थी। इसमें मरने वालों की संख्या भी वाहन दुर्घटनाओं में कुल मरने वाले व्यक्तियों के सापेक्ष 68.17 फीसद रही।
प्रदेश में इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ में 52.55 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते वर्ष कोरोना के कारण वाहनों का संचालन कम हुआ था। संभवत: इस कारण भी यह आंकड़ा इस साल कुछ बढ़ा हुआ नजर आ रहा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने भी इसे लेकर चिंता जताई है। उन्होंने जब दुर्घटनाओं के कारणों की समीक्षा की तो यह बात सामने आई कि ओवर स्पीडिंग दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण है। प्रदेश में 72 फीसद दुर्घटनाएं हुई हैं।
दूसरा बड़ा कारण शराब पीकर वाहन चलाना है। प्रदेश में हुई कुल दुर्घटनाओं में से 7.54 फीसद दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने से हुई हैं। वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हुए 3.77 फीसद दुर्घटनाएं हुई हैं। वहीं गलत दिशा में वाहन चलाने से हुई दुर्घटनाओं का प्रतिशत 1.85 है।
इस दौरान यह बात भी सामने आई कि वाहनों के आपस में टकराने की दुर्घटनाओं में सबसे अधिक दुर्घटनाएं वाहन को पीछे से टक्कर मारने के कारण हुई। इन दुर्घटनाओं में कुल 20 फीसद व्यक्तियों की मौत हुई। वहीं 16 फीसद दुर्घटनाओं में वाहनों की आमने-सामने की टक्कर हुई। इसमें 13 फीसद व्यक्तियों ने जान गंवाई। इन आंकड़ों को देखते हुए परिवहन मंत्री ने सड़क सुरक्षा के कार्यों में तेजी लाने के साथ ही चेकिंग पर जोर दिया है।
देहरादून में इस साल करीब 55 लोगों की गई जान
परिवहन विभाग के हालिया आंकड़ों के मुताबिक देहरादून में जनवरी 2021 से जून माह तक 130 सड़क दुर्घटनाओं में 55 व्यक्तियों की जान चली गई, जबकि 96 घायल हो गए। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह जानकारी एआरटीओ अरविंद पांडे ने दी।
आरटीओ पांडे ने जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार को बताया कि सर्वाधिक दुर्घटनाएं ऋषिकेश, नेहरू कॉलोनी, डोईवाला, पटेलनगर, रायवाला व डालनवाला क्षेत्र में हुई हैं। हादसों का प्रमुख कारण ओवर स्पीड व गलत दिशा में वाहन चलाना रहा है। बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि ओवर स्पीड पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन व पुलिस विभाग के अधिकारी नियमित चेकिंग करते रहें। सड़क सुरक्षा की दिशा में ब्लैक स्पाट ठीक करने, स्पीड ब्रेकर, पैराफिट, रिफलेक्टर, चेतावनी बोर्ड आदि की दिशा में नए प्रयोग किए जाएं। प्रयोगों की समीक्षा कर देखा जाए कि दुर्घटनाओं पर कितना अंकुश लग रहा है। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हादसों के बाद मौके पर जाकर तकनीकी कारण भी तलाश किए जाएं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।