विधायक ने सरकाया था मास्क, रीबन काटते समय बगल में खड़े सीएम ने फेरा मुंह
कोरोना को लेकर हमारे जनप्रतिनिधि कितने संजीदा हैं, इसका उदाहरण आज फिर देखने को मिला। ऋषिकेश में पौड़ी और टिहरी जिले को जोड़ने वाला जानकी पुल (जानकी सेतू) को आज जनता को समर्पित किया कर दिया गया। उद्घाटन मौके पर जब सीएम रीबन काट रहे थे, तो उनके बगल में नरेंद्रनगर के विधायक व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने मास्क नाममात्र का लगाया था। यानी ठोडी पर लटका हुआ था। वह भी सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बगल में खड़े थे। ऐसे में सीएम ने उनसे दूसरी ओर मुंह मोड़ लिया। जैसा कि फोटो में दिख रहा है।
कोरोनाकाल में मास्क को लेकर लोकसाक्ष्य की ओर से लोगों को जागरूक करने का समय-समय पर प्रयास किया जाता रहा है। आमजन के चालान तो हो रहे हैं, लेकिन इन नेताओं के चालान कौन काटेगा, यह सवाल भी इन्हीं नेताओं से पूछना चाहिए। चाहे वे किसी भी दल के हों। ये स्थिति तब है जबकि कई भाजपा नेता, मंत्री और विधायक भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। फिर भी उद्घाटन, शिलान्यास आदि के मौके पर भी उन्हें कोरोना के नियम मानने में पता नहीं किस बात की दिक्कत होती है। यही नहीं विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी बगैर मास्क के नजर आए। यानी उन्होंने अपना मास्क एक कान पर लटका लिया। जैसा कि फोटो में नीचे नजर आ रहा है।

14 साल बाद जनता को समर्पित किया गया पुल
आखिर 14 साल बाद टिहरी और पौड़ी जिले को जोड़ने वाला जानकी पुल जनता को समर्पित हो ही गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को थ्री लेन जानकी पुल जनता को समर्पित किया। लक्षमण झूला व शिवानंद राम झूला के बाद ऋषिकेश में गंगा नदी पर बने 346 मीटर लंबे इस पुल के निर्माण पर 48 करोड़ 85 लाख रुपये लागत आई है।
सीएम ने की चौथे पुल की घोषणा
जानकी पुल के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में चौथा बजरंग पुल बनाने के साथ अनेक विकास योजनाओं की घोषणा की। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल, यमकेश्वर विधायक व भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रितु खंडूरी, नगर पालिका मुनि की रेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी भी थे।
कार्यकाल में बनाए 250 पुल, कांच का होगा बजरंग पुल
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य में 250 पुल बनवाए हैं। बजरंग पुल कांच का और पारदर्शी होगा। इससे पर्यटन को काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश को पूरी तरह भ्रष्टाचार मुक्त सरकार दी है। उनके कार्यकाल में एक भी भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आया है। कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे भी किए गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम जारी रहेगी।
महिलाओं को बनाया जा रहा है स्वावलंबी
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण महिलाओं की शहादत पर हुआ है। राजनीतिक दृष्टि से महिलाओं को इसका लाभ मिलना चाहिए। आज महिलाएं अपनी काबिलीयत के दम पर फाइटर से लेकर फौज में भी अपना जौहर दिखा रही है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने राज्य की 37 लाख महिलाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए जीरो बैलेंस पर लोन देने का निर्णय भी लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों को स्वावलम्बी बनाने के लिए साढ़े 3 लाख का ऋण देगी। इसकी शुरुआत उधम सिंह नगर से होगी। आयुष्मान योजना के अंतर्गत सभी लोगों को लाभ मिलेगा। हर नागरिक को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस अवसर पर नरेन्द्र नगर के विधायक व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि 14 वर्ष की लंबी यात्रा में इस पुल ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। इससे पर्यटन के क्षेत्र मे भी बढ़ावा मिलेगा। इस पुल के पीछे मंशा इस क्षेत्र के हजारों लोगों को रोजगार दिये जाने की थी। इसका नाम जानकी पुल रखे जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट ऑल वेदर रोड विकास के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
दिलों को जोड़ने वाला है पुल
यमकेश्वर विधायक रितू खण्डूरी ने कहा कि यह लोहे व लोहे की रस्सियों से बना पुल नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने वाला पुल है। नगर पालिका मुनि की रेती के अध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने इस मौके पर पूर्णानंद कॉलेज के मैदान में स्टेडियम बनाए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की।
थ्री लेन जानकी पुल की कुल लंबाई 346 मीटर व चौड़ाई 3.9 मीटर है। तीन भागों में बांटे पुल के मध्य़ का भाग लोगों की पैदल आवाजाही के लिए रखा गया है। इसके अलावा दोनों किनारों से एक ओर से दोपहिया वाहनों के आने और जाने के लिए व्यवस्था की गई है।
जानकी सेतु के बनने के बाद ऋषिकेश के लोगों के साथ-साथ स्वर्गाश्रम और लक्ष्मण झूला के लोगों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। इसके साथ ही कांवड़ मेले के दौरान लोगों को सबसे अधिक जाम की समस्या झेलनी पड़ती है, जिस से निजात मिलने की उम्मीद है। वहीं इस सेतु के बनने के बाद इसके दोनों तरफ लोगों को रोजगार भी मिलेगा। लोग अपने छोटे-छोटे रोजगार इसके आसपास कर सकेंगे।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।