Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 4, 2025

घूस लेने या देने के मामलों में प्रत्यक्ष सबूत नहीं होने पर भी हो सकती है सजाः सुप्रीम कोर्ट

भ्रष्टाचार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला सामने आया है। घूस लेने या देने के मामलों में प्रत्यक्ष सबूत ना होने पर भी सजा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसे मामलों में परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर सजा हो सकती है। पांच जजों की संविधान पीठ ने ये फैसला लिया है। रिश्वत मांगने या देने के संबंध में प्रत्यक्ष साक्ष्य के अभाव में परिस्थितिजन्य अनुमानों के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषसिद्धि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के संविधान पीठ ने 22 नवंबर को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था। जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना की 5-न्यायाधीशों की पीठ ने इस पर फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को भ्रष्ट लोगों के खिलाफ नरमी नहीं बरतनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कोर्ट ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार ने शासन को प्रभावित करने वाले एक बड़े हिस्से को ले लिया है। ईमानदार अधिकारियों पर इसका प्रभाव पड़ता है। जब उसके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं हैं, तो परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर भी एक भ्रष्ट सरकारी अधिकारी को दोषी ठहराया जा सकता है।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page