सुप्रीम कोर्ट से ईडी को लगा बड़ा झटका, खींच दी लक्ष्मण रेखा, मोबाइल और लैपटॉप के डेटा एक्सेस पर लगाई रोक
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने पर्वतन निदेशालय यानी कि ईडी को बड़ा झटका लगा है। वैसे भी ई़डी इस बात को लेकर बदनाम है कि वह केंद्र सरकार के इशारों पर कार्रवाई करती है। पिछले दस साल की बात की जाए तो ईडी की ओर से दायर किए गए केस में नाम मात्र लोगों पर ही कार्रवाई हुई है। जिन पर आरोप लगे वे यदि बीजेपी में शामिल हो गए तो उन पर केस या तो ठंडे बस्ते में चले गए। या फिर उनके खिलाफ केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस बात को आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं। अगस्त माह तक की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दस साल में ईडी में दर्ज पांच हजार मामलों में सिर्फ 40 लोगों को ही सजा मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अब सुप्रीम कोर्ट ने ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के लिए एक बड़ी लक्ष्मण रेखा खींच दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कहा है कि जांच एजेंसी ईडी किसी के लैपटॉप या मोबाइल फोन से डेटा एक्सेस नहीं कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट का यह अहम आदेश लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन केस में आया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जांच एजेंसियों की ओर से कथित अपराधों के लिए नागरिकों के मोबाइल फोन या लैपटॉप जब्त करने से पहले फिर से सोचने को मजबूर करने वाले एक अहम आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नवंबर में लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन, उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के यहां की गई तलाशी के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से सामग्री को एक्सेस करने और कॉपी करने से रोक दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, ईडी ने छह राज्यों में 22 जगहों पर छापेमारी की थी। मेघालय पुलिस की शिकायत के बाद ईडी ने यह एक्शन लिया था। मेघालय पुलिस का आरोप है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने राज्य में लॉटरी का बिजनेस ‘गैरकानूनी’ तरीके से हथिया लिया है। इन रेड्स में 12.41 करोड़ रुपये कैश बरामद हए। सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग इलेक्टोरल बॉन्ड की सबसे बड़ी खरीदार थी। इसने 2019 से 2014 के बीच 1368 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। इसने सभी पार्टियों को चंदा दिया। फ्यूचर गेमिंग की ओर से तृणमूल कांग्रेस को सबसे अधिक 542 करोड़ रुपये मिले। डीएमके 503 करोड़ रुपये के साथ दूसरे नंबर पर रही। वाईएसआर कांग्रेस ने 154 करोड़ रुपये और बीजेपी ने 100 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, 13 दिसंबर को जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने दो पेज का फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि फ्यूचर गेमिंग केस की सुनवाई दूसरे मामलों के साथ की जाएगी। फ्यूचर गेमिंग ने अपनी याचिका में जिन चार केस का जिक्र किया है, उनमें अमेजन इंडिया के कर्मचारियों वाले मामले शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमेजन इंडिया के इन कर्मचारियों ने ईडी की ओर से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मांगने को चुनौती दी थी। इसके अलावा न्यूजक्लिक का मामला भी है, जिसमें याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि 2023 में दिल्ली पुलिस की ओर से जब्त किए गए लैपटॉप और फोन को लेकर गाइडलाइन जारी की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
याचिकार्ता का तर्क
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में अपने संवैधानिक और मौलिक अधिकारों की रक्षा की मांग की है। खासतौर से निजता के अधिकार पर जोर दिया गया है। उन्होंने दलील दी है कि पर्सनल डिजिटल डिवाइस में ऐसी जानकारियां होती हैं, जो बेहद निजी होती हैं। ये जानकारियां किसी शख्स की जिंदगी के बारे में बहुत कुछ बताती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ईडी से कहा कि वह सैंटियागो मार्टिन के मोबाइल फोन और उनकी कंपनी के कर्मचारियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कोई भी डेटा एक्सेस और कॉपी न करे। जजों ने ईडी की तरफ से पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत जारी किए गए समन पर भी रोक लगा दी है। कारण ये है कि उनमें संबंधित डिजिटल उपकरणों में स्टोर्ड डेटा निकालने के लिए उनमें उल्लिखित व्यक्तियों की मौजूदगी की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मामला
अखबार की मानें तो जब ईडी के सीनियर अधिकारियों से रिस्ट्रेनिंग ऑर्डर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस आदेश को अभूतपूर्व बताया। हालांकि, वे इसे कोई बड़ा झटका नहीं मान रहे हैं, क्योंकि ईडी के पास इस मामले में मार्टिन के खिलाफ अन्य महत्वपूर्ण फिजिकल सबूत हैं। उन्होंने कहा कि वे सर्च और डिजिटल साक्ष्य की जब्ती पर सीबीआई मैनुअल के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। दरअसल, ईडी ने हाल ही में फ्यूचर गेमिंग समूह से जुड़ी 622 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ईडी के पास सैंटियागो मार्टिन और फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ कई अन्य महत्वपूर्ण मामले चल रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।