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July 16, 2025

एलिवेटेड रोड से प्रभावितों की हर लड़ाई अन्तिम दम तक लड़ेंगेः बीजू कृष्णन

बस्ती बचाओ आन्दोलन की ओर से आयोजित सेमिनार में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं किसान सभा महामंत्री बीजू कृष्णन ने कहा हम एलिवेटेड रोड़ से प्रभावित की हर लड़ाई के साथ हैं। उनकी लड़ाई को एकजुट होकर लड़ना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हम अन्तिम दम तक प्रभावितों की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तियों को उजाड़ने और एलिवेटेड रोड का जमकर विरोध किया जाएगा। साथ ही बस्तियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। सेमिनार में वह मुख्य वक्ता के रूप में अपनी बात रख रहे थे। सेमिनार देहरादून स्थित उत्तरांचल प्रेस क्लब सभागार में आयोजित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए नदी किनारे वर्षों से बसी हुई मलिन बस्तियों के कई घर तोड़े जाने हैं। इसे लकर बस्ती बचाओ आन्दोलन के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल प्रभावितों के पक्ष में आंदोलन कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजू कृष्णन ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से दिल्ली से लेकर देहरादून तक चुनाव के दौरान यह वादा किया था कि बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक़ दिया जायेगा। ठीक चुनाव के बाद भाजपा सरकारों ने जनता को धोखा देते हुए जगह-जगह बस्तियों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है। किसी भी विकास कार्य में सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह लोगों को उजाड़ने से पहले उनका पूनर्वास करें। इस अवसर पर बीजू कृष्णन ने शौर्य चक्र बिजेता 93 बर्षिय सुबेदार बाग सिंह को बुके देकर सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि केरल की वाम जनवादी मोर्चे की सरकार ने हर विकास कार्य में विस्थापन नीति के माध्यम से प्रभावितों को मुआवजा सुनिश्चित किया। वहाँ की राज्य सरकार ने एक राष्ट्रीय परियोजना में जनता को 5600 करोड़ रुपये मुआवजा देना सुनिश्चित किया। आज यही विकल्प हमारी सरकारों को अपनाना चाहिए, नहीं तो बड़े पैमाने पर इंसानियत खतरे में पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि सीपीएम सांसद आमरा राम और बालाकृष्णन पहले ही प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर उक्त योजना पर आपत्ति जता चुके हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इससे पहले सेमिनार में किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेन्द्र सजवाण ने अध्यक्षमण्डल की ओर से अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर नितिन मलेठा, नुरैशा अंसारी, अल्ताफ मौहम्मद, एस एस नेगी, रंजन सोलंकी, शम्भू प्रसाद ममगाई, अम्बेडकर युवक संघ के अध्यक्ष दिले राम रवि, नवनीत गुसाईं, डाक्टर सुनील, प्रेमा, नरेन्द्र, विजय भट्ट आदि ने भी विचार व्यक्त किए। सेमिनार का मूल प्रस्ताव डीएवी छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने रखा। इसे सर्वसम्मति से पारित किया। सेमिनार का संचालन संयोजक अनन्त आकाश ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रमुख मुद्दे
1. रिस्पना और बिन्दाल एलिवेटेड रोड के लिए भूमि अधिग्रहण को लेकर 7 मई 2025 से प्रभावी नोटिफिकेशन मुख्यतः गरीब बस्तियों को लक्षित करता है, जबकि अमीरों और सरकारी सम्पत्तियों को छोड़ा गया है।
2. गरीब परिवारों का उत्पीड़न: पिछले दो वर्षों से प्रभावित गरीब परिवारों को बेदखली के लिए उत्पीड़ित किया जा रहा है।
3. सरकार द्वारा सैकड़ों नोटिस जारी कर बेदखली की तैयारी की जा रही है, किंतु मुआवजा और पुनर्वास से बचा जा रहा है।
4.विस्थापितों को सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों उचित मुआवजा, पुनर्वास और नागरिक सुविधाओं का अधिकार से वंचित रखा जा रहा है।
5. 2016 के अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बिना पुनर्वास योजना के विस्थापन की साजिश चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सेमिनार में की गई ये घोषणा
– सरकार की ओर से विस्थापन तभी हो, जब सरकार प्रभावितों को पूर्ण मुआवजा और पुनर्वास, नागरिक सुविधाऐं व रोजगार प्रदान करे।
-रिस्पना-बिन्दाल एलिवेटेड रोड परियोजना के कारण प्रभावित हो रहे गरीब परिवारों के मुद्दों पर चर्चा करना और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए निरन्तर उन्हें एकजुट करना।
-अधिकारों के लिए आंदोलन करना, मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण नई दिल्ली तथा हाईकोर्ट उत्तराखंड नैनीताल में पहल करना शामिल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष गंगाधर नौटियाल, शिवप्रसाद देवली, पूर्व प्रमुख राजेन्द्र पुरोहित, भगवंत पयाल, तन्मय ममगांई, रोशन मौर्य, शैलेन्द्र परमार, हिमांशु चौहान, दलजीत सिंह, अदनान, राजेन्द्र सिंह नेगी, महेन्द्र जखमोला, शबनम‌, माला, विप्लव अनन्त, अय्याज, कनिका, डॉ अनिल कुमार बौद्ध, बागेश्वरी, कमलेश, सुनील कुमार, परविंदर, बचन सिंह राणा, मुरारी सिंह, गगन गर्ग, चेतन कुमार, प्रदीप कुमार आदि बड़ी संख्या में बस्तीवासी उपस्थित थे।
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Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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