हाईकोर्ट का था आदेश, अब पीएम करेंगे अनावरण, भाजपा थपथपाएगी पीठ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल पांच नवंबर को केदारनाथ पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह शंकराचार्य जी की समाधि के साथ ही उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इसके साथ ही अन्य योजनाओं का भी लोकार्पण किया जाएगा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने इस प्रतिमा के पुनर्निर्माण के आदेश पारित किए थे। याचिकाकर्ता के अनुसार शंकराचार्य की मूर्ति 2013 की बाढ़ में नष्ट हो गई, लेकिन राज्य सरकार द्वारा पुनर्निर्माण नहीं किया गया है। इस तथ्य के बावजूद कि केदारनाथ धाम का यह क्षेत्र अनेक लोगों के लिए एक पवित्र स्थान है। सरकार की ओर से कहा गया कि इस स्थान पर पहले से ही काम चल रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण योजना के अनुसार कार्य सुचारू रूप से पूरा नहीं हो सका। उनके मुताबिक अभी तक करीब 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
राज्य को निर्माण पूरा करने के लिए एक वर्ष की अवधि की आवश्यकता होगी। उन्होंने आगे कहा कि चूंकि निर्माण केदारनाथ में है, जिस स्थान पर सर्दी से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, काम मई, 2021 तक शुरू नहीं हो सकता है। केदारनाथ की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि निर्माण एक विशाल है। दस अक्टूबर 2018 को पारित आदेश में खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदि शंकराचार्य की समाधि सकारात्मक रूप से बहाल करने का आदेश दिए थी। साथ ही इसकी समयसीमा एक वर्ष की तय की थी। कोर्ट ने निर्माण की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई थी। कहा कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है जाहिर तौर पर कुछ नहीं किया गया है। साथ ही सरकार द्वारा और समय मांगने पर आश्चर्य प्रकट किया था।
जनसभा को भी करेंगे संबोधित
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पांच नवंबर को बाबा केदार के धाम केदारनाथ आ रहे हैं। इस दौरान वह यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके साथ ही वह कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। इसमें मंदाकिनी रिटेनिंग वाल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वाल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित आवास और मंदाकिनी नदी पर बना गरुड़चट्टी पुल शामिल है।
आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित
वर्ष 2013 की आपदा में केदारनाथ स्थित शंकराचार्य की समाधि भी बह गई थी। प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशन में समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई। साथ ही वहां शंकराचार्य की 35 टन वजनी प्रतिमा भी स्थापित कर दी गई है।
मैसूर में तैयार की गई प्रतिमा
केदारनाथ में आदि शंकराचार्य समाधि में स्थापित की गई प्रतिमा कर्नाटक के मैसूर में तैयार की गई, जिसे सड़क मार्ग से गोचर पहुंचाया गया, यहां से भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचाया गया। मूर्ति स्थापित करने के लिए पांच मूर्तिकारों की टीम भी कर्नाटक से केदारनाथ पहुंची थी। केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। मूर्ति कर्नाटक में तैयार की गई। पांच मूर्तिकार बैंगलूर से केदारनाथ पहुंचे थे। प्रतिमा कृष्णाशिला पत्थर से तैयार की गई है। मैसूर के मूर्तिकारों ने इसका निर्माण किया है।
यह तीन हिस्सों में है। केदारनाथ में शंकराचार्य समाधि का निर्माण कर रहे वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के केदारनाथ प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि शंकराचार्य की प्रतिमा केदारनाथ भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर से पहुंचाई गई। इसे भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर चिनूक से पहुंचाया। बताया कि मूर्ति को स्थापित करने के लिए कर्नाटक से पांच मूर्तिकार आए हैं। इन लोगों ने मूर्ति को समाधि स्थल पर स्थापित किया।
आपदा के बाद से चल रहे हैं निर्माण कार्य
जून 2013 की त्रासदी में तबाह हुई केदारपुरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखर रही है। केदारपुरी को उसकी दिव्यता एवं भव्यता के अनुरूप संवारा जा रहा है। प्रथम चरण में वहां 225 करोड़ रुपये की लागत के कार्य पूरे हो चुके हैं, जबकि 184 करोड़ के काम शुरू किए जा रहे हैं। केदारनाथ के प्रति गहरी आस्था रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही लोकार्पण व शिलान्यास भी करेंगे। उनके हाथों ही केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की समाधि स्थली में शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का अनावरण होना है। प्रधानमंत्री के रूप में नमो का यह पांचवां केदारनाथ दौरा है।
मोदी के विजन के अनुरूप हो रहे काम
जून 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद सबसे बड़ी चुनौती थी केदारपुरी का पुनर्निर्माण, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के विजन और केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में केदारपुरी का मास्टर प्लान इस तरह से तैयार किया गया, जो लंबे समय तक टिकाऊ रहे। केदारपुरी में प्रथम चरण में 225 करोड़ की लागत से आदि शंकराचार्य की समाधि का निर्माण व प्रतिमा की स्थापना, सरस्वती, मंदाकिनी नदियों व उनके घाटों की सुरक्षा, सेतु निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवास का निर्माण, आस्था पथ संबंधी कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में वहां 184 करोड़ की लागत के कार्य शुरू किए जा रहे हैं। निर्माण कार्यों को केदारनाथ की धारण क्षमता को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
बनेंगे फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर
केदारनाथ यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल यात्रा मार्ग पर पहले पड़ाव गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ धाम तक जगह-जगह फैब्रिकेटेड रेन शेल्टर बनाने की मुहिम शुरू की गई है। इस पर 4.22 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रावल, पुजारियों के लिए तीन मंजिला भवन
केदारनाथ धाम में पूजा के सफल आयोजन के मद्देनजर रावल व पुजारियों को एक छत के नीचे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरस्वती नदी के पास तीन मंजिला भवन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 18 कक्ष होंगे। इसके लिए 10 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
म्यूजियम में दिखेगी उत्तराखंडी संस्कृति
केदारनाथ में तैयार हो रहे म्यूजियम में धाम की स्थापना से लेकर अब तक का सफर तो सामने होगा ही, उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी श्रद्धालु परिचित होंगे। इसके साथ ही धाम में श्रद्धालुओं के लिए आधारभूत सुविधाएं जुटाई गई हैं और यह क्रम जारी है। केंद्र की प्रसाद योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केदारनाथ यात्रा मार्ग पर अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गई हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।