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September 11, 2025

फूलदेई पर्व की शुभकामनाएं और इस मौके पर जनकवि डॉ. अतुल शर्मा की कविता

डॉ. अतुल शर्मा उत्तराखंड के जाने माने जनकवि एवं लेखक हैं। उनकी कई कविता संग्रह, उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके जनगीत उत्तराखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की जुबां पर रहते थे।

रोज़ देहरी पर पहुंच कर फूल रखती हैं
ये पहाड़ों पर नया मधुमास रचती है।

सुबह से छोटी हथेली काम करती है बड़ा
चैत्र के रंगों से झूमा पांखुड़ी का रंग जड़ा

अंधेरों मे वो नया
आभास भरती है ।
ये…

रोज़ ही त्योहार है झोली मे फूलों सा
द्वार पर मनुहार है आशीष फूलों सा

सुखों और ऐश्वर्य का आभास भरती है
ये…

फुलदेई है हमारी गुदगुदी ऋतुऐ
खेत सीढ़ीदार उगते फूल सी ऋतुऐं

मौसमों का प्यार ये
घर द्वार रखती है।
ये पहाड़ों पर नया मधुमास रचती है।

कवि का परिचय
डॉ. अतुल शर्मा (जनकवि)
बंजारावाला देहरादून, उत्तराखंड
डॉ. अतुल शर्मा उत्तराखंड के जाने माने जनकवि एवं लेखक हैं। उनकी कई कविता संग्रह, उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके जनगीत उत्तराखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की जुबां पर रहते थे।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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