सरकारी दफ्तर और शिक्षण संस्थान बंद, प्राइवेट स्कूल और महाविद्यालयों में बुला रहे स्टॉफ
शासनादेश को दरकिनार करते हुए निजी संस्थान स्टॉफ को बुला रहे हैं। शुक्रवार को भी ऐसे कई संस्थानों में स्टॉफ को बुलाया गया है।
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज शुक्रवार 23 अप्रैल से तीन दिन के लिए सारे सरकारी कार्यालय, शिक्षण संस्थान आदि बंद कर दिए गए। ऐसा कोरोना की चेन तोड़ने के लिए किया गया है। वहीं, दोपहर दो बजे से हर शहर में दुकानें बंद की जा रही हैं। इसके बावजूद निजी शिक्षण संस्थाओं को मानो सरकार का कोई डर नहीं है। शासनादेश को दरकिनार करते हुए निजी संस्थान स्टॉफ को बुला रहे हैं। शुक्रवार को भी ऐसे कई संस्थानों में स्टॉफ को बुलाया गया है। यहां ना तो शासन की गाइडलाइन ही चलती है और ना ही उन्हें कोरोना का ही खौफ है।
ये हैं कारण
दो दिन कार्यालयों और संस्थानों को बंद करने के पीछे एक कारण ये भी है कि इन कार्यालयों, संस्थानों में व्यापक स्तर पर सैनिटाइजेशन किया जाए। वहीं, निजी संस्थान अभी भी इस मसले में गंभीर होते नजर नहीं आ रहे हैं। यहां निजी महाविद्यालय, कॉलेज व स्कूल आदि सभी में स्टॉफ को बुलाया जा रहा है। ये स्थिति तब है जब उत्तराखंड में निरंतर कोरोना नया रिकॉर्ड बना रहा है। यहां मौत का आंकड़ा भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है। ऐसे में उत्तराखंड में कोरोना की चेन कैसे टूटेगी, ये कहा नहीं जा सकता है।
बैठक में दिया था लॉकडाउन का सुझाव
गुरुवार को चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बैठक की थी। इसमें विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि हालात पर नियंत्रण के लिए राज्य में कम से कम 10 दिन कोरोना कर्फ्यू लगाया जाना चाहिए। हालांकि सरकार लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है। इसके बावजूद कुछ अहम फैसले लिए गए। इसके तहत सरकारी के साथ ही निजी संस्थानों को भी बंद कराने के निर्देश दिए गए।
अपर मुख्य सचिव कार्मिक के आदेश
अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने आदेश जारी किया था कि अग्रिम आदेशों तक सरकारी के साथ ही गैर सरकारी शिक्षण संस्थान, जूनियर, हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बोर्डिंग, डिग्री कालेज, पालिटेक्निक,आइटीआइ, कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद रहेंगे। राजकीय एवं निजी महाविद्यालय भी बंद रखे जाएंगे। साथ ही पढ़ाई आनलाइन होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य की सीमा में प्रवेश करने वालों को होम आइसोलेशन के लिए स्मार्ट सिटी के पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य होगा। आवश्यक सेवाओं में होम डिलीवरी, प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्र छात्राओं को आवागमन की छूट होगी। उन्हें एडमिट कार्ड व आइडी प्रुफ दिखाना होगा।
उत्तराखंड के हालात चिंताजनक
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। गुरुवार 22 अप्रैल की शाम स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 3998 नए संक्रमित मिले। 1744 लोग स्वस्थ हुए और 19 लोगों की मौत हुई। बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश में दोपहर दो बजे के बाद आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर सारी दुकानें बंद की जा रही हैं। शाम सात बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू भी लगाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन की संख्या 119 हो गई है। यहां पूरी तरह से लॉकडाउन है। वहीं, गुरुवार को 658 केंद्रों में 34020 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। बढ़ते संक्रमण के मामले बढ़ते देख अगले तीन दिन तक राज्य के सारे सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इसकी जानकारी प्रदेश के प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे ने दी। बताया कि इन दिन दिन कार्यालयों में सेनिटाइजिंग का कार्य चलेगा।
सर्वाधिक संक्रमित देहरादून में
प्रदेश में कोरोना के एक्टिव केस 26980 हो गए हैं। वहीं, अब तक कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 138010 हो गई है। इनमें से 106271 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अब तक 1972 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। गुरुवार को देहरादून में सर्वाधिक 1564 संक्रमित मिले। हरिद्वार में 666, उधमसिंह नगर में 523, नैनीताल में 434, पौड़ी में 229, टिहरी में 139, अल्मोड़ा में 112 संक्रमित मिले। वहीं, बुधवार 21 अप्रैल को को प्रदेश में 24 घंटे के भीतर 4807 संक्रमित मिले थे और 34 लोगों की मौत हुई थी। एक दिन के मामलों में ये संख्या सर्वाधिक है। इससे पहले मंगलवार 20 अप्रैल को 3012 नए संक्रमित मिले थे और 27 लोगों की मौत हुई। इससे पहले 17 अप्रैल 37 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी।
तीन दिन तक सरकारी कार्यालय बंद
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड में आज से रविवार तक तमाम सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। प्रदेश के प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडे ने उक्त जानकारी दी। बताया कि आवश्यक सेवाओं वाले कार्यालयों पर ही कार्य चलेगा। वहीं, जहां काम नहीं होगा, वहां तीन तीन तक सेनिटाइजिंग किया जाएगा। उधर, कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग देहरादून में दिनांक 22 अप्रैल 2021 से दिनांक 31 मई, 2021 तक की अवधि में कोई भी पक्षकार आयोग के कार्यालय / न्यायालय में उपस्थित नहीं हो सकेगें। आयोग के प्रशासनिक अधिकारी हरीश चन्द्र पाण्डेय ने बताया कि इस अवधि में यदि किसी भी वादकारी को कोई भी दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत करना हो तो वे ई-मेल, फैक्स, पंजीकृत डाक इत्यादि के माध्यमों से प्रस्तुत कर सकते हैं अथवा आयोग कार्यालय भवन के भूतल पर स्थित रिसेप्शन काउण्टर पर उपलब्ध करा सकते हैं।
119 स्थानों पर लॉकडाउन
उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच अब 119 स्थानों पर कंटेनमेंट जोन है। यहां पूरी तरह से लॉकडाउन है। ऐसे स्थानों पर व्यापारिक, सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। आवश्यक वस्तु के लिए एक घर से एक व्यक्ति को ही मोबाइल वेतन तक जाने की अनुमति है। इस तरह अब देहरादून में 55, हरिद्वार में नौ, नैनीताल में 30, पौड़ी में चार, उत्तरकाशी में 11, उधमसिंह नगर में एक, चंपावत में पांच, चमोली में एक, टिहरी गढ़वाल में तीन स्थानों पर लॉकडाउन है। यहां हर तरह की गतिविधियां बंद हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।