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November 13, 2024

बेरोजगारों को नौकरी देने में नाकाम और घोटालों में नंबर वन सरकार, अब आयुर्वेद विश्वविद्यालय में घोटालाः लालचंद शर्मा

उत्तराखंड में देहरादून महानगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने प्रदेश सरकार को घाटालों में नंबर वन सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि ये सरकार बेरोजगारों को नौकरी देने में नाकाम रही है। वहीं, आए दिन एक के बाद एक घोटाले उजागर हो रहे हैं। ऐसे में प्रदेश का युवा परेशान है। लोग महंगाई के बोझ से दब रहे हैं। बिजली और पानी की कीमतों में पहली अप्रैल को इजाफा होने की संभावना है। स्कूल बैग महंगा हो गया है। वहीं, अब आयुर्वेद घोटाले की मीडिया में प्रकाशित खबर से साबत हो गया है कि इस सरकार का कार्यकाल सिर्फ घोटालों को लेकर याद किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम की घोषणा का हुआ ये हश्र
लालचंद शर्मा ने कहा कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में पुष्कर सिंह धामी ने पहली बार शपथ ली थी तो घोषणा की थी कि छह माह में 22 हजार युवाओं को नौकरी दी जाएगी। करीब आठ माह के पूर्व कार्यकाल और एक साल के दूसरे कार्यकाल में भी उनकी ये घोषणा पूरी नहीं हुई। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की कई परीक्षाएं पेपर लीक और नकल की भेंट चढ़ गई। कई गिरफ्तारियां हुई। इसमें बीजेपी नेता हाकम सिंह भी शामिल है। फिर परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां की गई। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता है। ऐसे में साफ है कि सत्ताधारी पार्टी के लोग भी घोटालों से जुड़े हैं। वहीं, बेरोजगार युवा खुद को ठगे महसूस कर रहे हैं। वहीं, प्रदेश में सरकारी और गैरसरकारी पद  80 हजार के करीब रिक्त हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में घोटाला
लालचंद शर्मा ने कहा कि अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि विजिलेंस जांच में आयुर्वेद विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है। विजिलेंस जांच में यहां सामान खरीद, निर्माण कार्यों और भर्ती करने में करीब 250 से 300 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। विजिलेंस ने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। ये मामला वर्ष 2017 से 2020 तक गलत तरीके से हुई नियुक्तियों, सामान खरीद में गड़बड़ी और वित्तीय अनियमितता की विजिलेंस जांच से जुड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि आरोप है कि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय, संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द किया गया है। साथ ही विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन और एसीपी का भुगतान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले गए। रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं को भी भर्ती कर लिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

महागर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने कहा कि एक के बाद एक घोटाले सामने आने पर साबित होता है कि प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ हवाई हवाई और भाषणों की जुमलेबाजी है। यदि सरकार वास्तव में ही घोटालों को रोकने के लिए ईमानदार है, तो सारे प्रकरणों की सीबीआई से जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार ऐसी मांग कर रही है। अब सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेसी सड़कों पर उतरेंगे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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