शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षा, किताबों की कीमतें होंगी कम
शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यही नहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में विद्यार्थियों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा। लेटेस्ट अपडेट है कि केंद्र ने बुधवार को नई शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलावों की घोषणा करते हुए कहा कि 2024 शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यपुस्तकें विकसित की जाएंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार नए पाठ्यक्रम का खाका तैयार कर लिया गया है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि 2024 के शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्य पुस्तकें तैयार की जाएंगी। शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम के खाके के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, इनमें से कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिक्षा मंत्रालय द्वारा नए पाठ्यक्रम ढांचे की घोषणा की गई। शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षाओं में पाठ्य पुस्तकों को ‘कवर’ करने की मौजूदा प्रथा से बचा जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाठ्य पुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार होंगी। यही नहीं छात्र-छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ अंक बरकरार रखने की इजाजत होगी। शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत बोर्ड परीक्षाएं महीनों की कोचिंग और रट्टा लगाने की क्षमता के मुकाबले छात्र-छात्राओं की समझ और दक्षता के स्तर का मूल्यांकन करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शिक्षा मंत्रालय के नए पाठ्यक्रम ढांचे के तहत कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन ‘स्ट्रीम’ तक सीमित नहीं रहेगा. बल्कि छात्र-छात्राओं को पसंद का विषय चुनने की आजादी मिलेगी. शिक्षा मंत्रालय के इस नए पाठ्यक्रम के अनुसार, स्कूल बोर्ड उचित समय में ‘मांग के अनुसार’ परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।