कारगिल विजय दिवस पर कांग्रेसियों ने शहीदों को अर्पित की पुष्पांजलि, रेडक्रास ने लगाया रक्तदान शिविर
कारगिल विजय दिवस के मौके पर उत्तराखंड में कांग्रेसियों ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। साथ ही कारगिल युद्ध के दौरान की बातों को याद किया। वहीं, रेडक्रास समिति ने अमर उजाला फाऊंडेशन के सहयोग से रक्तदान शिविर लगाया। इसमें 100 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदेश कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आज गांधी पार्क स्थित कारगिल शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर भी पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर सभा में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि 25 वर्ष पूर्व भारत के महान बलिदानी सैनिकों की शहादत और बहादुरी से पाकिस्तान सेना की ओर से कब्जा किए गए कारगिल क्षेत्र को दुश्मन से मुक्त करवाया गया था। आज जब 25 वर्ष बाद हम और सारा देश कारगिल युद्ध के कारगिल विजय दिवस पर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं, तब 1999 का वह मंजर आंखों के सामने आ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उस समय जुलाई के पूरे महीने रोज़ कभी एक, कभी दो और कभी पांच पांच शहीदों के शव तिरंगे में लिपट कर देहरादून आ रहे थे। हम और हजारों लोग उनको श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचा करते थे। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ एक मात्र ऐसा युद्ध है, जिसे तत्कालीन सरकार की लापरवाही के कारण भारत की धरती पर लड़ा गया। अन्यथा सारे युद्ध पाकिस्तान की धरती पर लड़े गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि कारगिल की पहाड़ियों में जब पाकिस्तान की सेना के घुसपैठियों ने कब्जा किया, तब भारतीय सेना के लिए परिस्थितियां पूरी तरह से प्रतिकूल थीं। क्योंकि पाकिस्तानी सेना चोटियों पर काबिज थीं। भारतीय सेना नीचे थी, किंतु भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों के अदम्य साहस ने पाकिस्तानी सेना को अपनी जमीन से खदेड़ दिया। जिसमें भारतीय सेना के बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि देहरादून में पहला शहीद का शव राइफल मैन मेख गुरुंग का आया था। उसके बाद शहीदों के शवों के आने का सिलसिला कई दिनों तक चला। धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड राज्य देश में आबादी के अनुपात में सबसे अधिक सैनिक देने वाला प्रदेश है और सबसे अधिक शहादत भी उत्तराखंड से होती है। इसलिए राज्य सरकार को शहीदों को दी जाने वाली सहयता राशि भी देश के किसी भी राज्य से अधिक होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता गरिमा देसौनी, प्रदेश प्रवक्ता आशीष नौटियाल, प्रदेश प्रवक्ता शीश पाल सिंह बिष्ट, उपाध्यक्ष अवधेश कुमार, महामंत्री अमीचंद सोनकर, डॉ अरुण रतूड़ी, अनुराधा तिवारी, अनुराग गुप्ता, राम कुमार थपलियाल, अवधेश कटारिया, सुनील जायसवाल, अरविंद गुरुग, आलोक मेहता, मोहम्मद फ़ारुख़ , डॉ अरुण रतूड़ी, अर्जुन पासी, सहाजद अंसारी, अरुण, संजय गौतम, जगत सिंह, प्रमोद गुप्ता, अनुज दत्त शर्मा, राम कुमार थपलियाल, उदय सिंह पंवार, आशुतोष द्विवेदी, राव शौकीन समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कारगिल शहीदों को समर्पित रक्तदान शिविर
कारगिल विजय दिवस के मौके पर जिला रेडक्रॉस शाखा देहरादून की ओर से अमर उजाला फाऊंडेशन के सहयोग से उत्तरांचल (पीजी) कॉलेज ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल ट्रांसपोर्ट नगर देहरादून में एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिला रेडक्रॉस शाखा देहरादून के चेयरमैन डॉ. एमएस अंसारी ने कहा कि रक्तदान महादान है। जब किसी को रक्त की आवश्यकता पड़ती है, तो उसकी आपूर्ति किसी अन्य चीज से नहीं हो सकती है। एक व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों की जान बचा सकता है। साथ ही साथ जो रक्तदान करते हैं, उनके स्वास्थ्य एवं व्यक्तित्व में भी अपेक्षित सुधार होता रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं रेडक्रॉस के राज्य कोषाध्यक्ष मोहन खत्री ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन कारगिल विजय के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देते हुए आयोजित किया गया है। हम उनके परिवार जनों के सुखी एवं समृद्धशाली जीवन की आशा करते हैं और कारगिल युद्ध में शामिल सभी सेना के अधिकारियों एवं जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय रक्त कोष टीम एवं देवभूमि यूनिवर्सिटी ब्लड बैंक टीम द्वारा 100 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया। इस अवसर पर रेडक्रॉस देहरादून सचिव कल्पना बिष्ट, पद्मिनी मल्होत्रा, डॉ. जितेंद्र सिंह बुटोइया, डॉ. शिफाअत अली, रेडक्रॉस सदस्य जाहिद हुसैन, एकता बुटोइया, अंकिता बुटोइया उत्तरांचल (पी.जी.) बायोमेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर इंजी. जीडीएस वार्ने एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं उपनिदेशक डॉ. एमके अरोडा ने शिविर में सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।