एलिवेटेड रोड के विरोध में सीटू और बस्ती बचाओ आंदोलन ने निकला कैंडल मार्च

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के ऊपर एलिवेटेड रोड का विरोध जारी है। कारण ये है कि इस प्रस्तावित सड़क के निर्माण के लिए इन दोनों नदियों के किनारे हजारों घरों को ध्वस्त किया जाना है। विरोध स्वरूप बस्ती बचाओ आंदोलन और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) ने रविवार की रात को कैंडल मार्च निकाला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैंडल मार्च सहस्त्रधारा रोड स्थित राजीव नगर तरली कंडोली से शुरू किया गया। मार्च राजीव नगर पुल से शुरू होकर कर कंडोली पुल, बारीघाट से होते हुए आर्यनगर पुल पर समाप्त हुआ। इस दौरान बस्तियों को बचाने के लिए एकजुट होकर आंदोलन के लिए लोगों को तैयार रहने के लिए कहा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने कहा कि धामी सरकार एलिवेटेड रोड व एनजीटी के नाम पर बस्तियों को उजाड़ने का काम कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट की भी स्पष्ट गाइडलाइन है। बस्तियों में रहने वालों का विस्थापन और पुनर्वास से पहले उन्हें उजाड़ना गलत होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शंभू प्रसाद ममगई, बस्ती बचाओ आंदोलन से नरेंद्र सिंह, प्रेमा गढ़िया ने भी विचार व्यक्त किए। कैंडल मार्च में मिथलेश, सुनीता, नीरज, मंजू, अंकित कुमार, सचिन, मुन्नी, प्रभा देवी, प्रेरणा, मयंक गढ़िया, अरविंद गौतम, अमित कुमार, ऋषभ, लक्ष्य चौहान, लक्ष्य सिंह, आरव, पार्थ कुमार, गौतम, ओमवती, सुधा रानी, हरिओम, बैगराज, नूतन, निर्मला देवी, अनुज कुमार आदि शामिल हुए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
Up mai yogi ji ne garibo ke ghar tode lekin unko ghar diye bhi hai are agar UK sarkar ko ghar todane hi hai too ghar bana ke di y fir jamin de are mere papa ne apni zindagi ki sari kamayi laga di 40sal ki kamayi or ab sarkar bol rahi hai ki tute g mai bolta hu ki chalo thik hai sarkar tood rahi hai lekin ham ko ghar y jamin bhi de bs nhi too mai apne pariwar ke sath Mar jau g sarkar ke samne
Mere papa ne 40sal ki kamayi laga di hai or ab hamare pass is ghar lava koyi ghar nhi hai mai dhami sarkar se Apil karta hu ki agar ghar tood rahi hai too ghar de y jamin de bs