तेरी वज्म में चले आये थे जो कितने ही अनजान चेहरे । हम दूर खड़े हो कर भी पहचान रहे...
नारी मंच
किसी का आना किसी का आना भी, किसी की विदाई का सबब बन जाता है । बचपन का जाना भी...
निर्बल के बल श्याम सखी री मेरी निर्बल के बल श्याम, सखी री मेरी निर्बल के बल श्याम इक पलड़े...
उठो जनता चलो जल्दी तुम्हें अब वोट देना है। वोट डाल कर आना मताधिकार ना खोना॥ ये बाजी हाथ आई...
तन्हाई में तन्हाइ मे मेरी आ आकर तुम दिल में शोर मचाते क्यों । अंधियारों से मेरा जोड़ के नाता...
अलग नहीं तुमसे हूँ मैं दो भले सबको लगें हम, पर अलग नहीं तुमसे हूँ मैं । साज तुम जो...
वसन्त ऋतु सज-धज कर जिसमें धरती दुल्हन सी बन जाती है सब ऋतुओं में यही ऋतु तो वसन्त ऋतु कहलाती...
एक दिन पूछ बैठे खुद से सवाल तो ज़वाब मे ख्याल उसका आ गया, कोशिश की साझा कर लूं उलझनों...
शिकायत रही तुम्हें हर दर्द तेरा अपना लिया हमने फिर भी शिकायत रही तुम्हें खुशियों की खातिर तेरी खुद को...
इतना आसान नहीं होता जनाब एक लड़का हो ना, हजारों गमों के बिच भी होठों पर मुस्कान लाना, घर के...
