अशोक आनन की कविता- क्या, ये भी कोई सरकार है
सरकार
क्या, ये भी कोई सरकार है।
मुद्दों पर सोई सरकार है।
मुहब्बत के देश में नफ़रतें,
ये अब तक बोई सरकार है।
सियासत में थी जो भी शुचिता,
उसे अब तक खोई सरकार है।
दामन पर लगे दाग़ों को ये,
दल – बदल से धोई सरकार है। (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
मजार-ए-ख़्वाब पर पढ़ मर्सिया,
अश्क़ बहा रोई सरकार है।
खुद के पाप खुद के कांधों पर,
आजीवन ढोई सरकार है।
चाहे जैसा आकार दे दो,
आटे की लोई सरकार है।
कवि का परिचय
अशोक आनन
जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
भौत बढिया ब्यंग