विश्व रंचमंच दिवस आज, दून में शुरू हो रहा है सात दिवसीय नाट्य समारोह, देखें किस दिन होगा किस नाटक का मंचन
आज यानि 27 मार्च को विश्व रंचमंच दिवस है। इस दिन दुनिया भर में मौजूद सांस्कृतिक संस्थाएं अलग अलग तरीके से इस दिन को मनाती हैं। कलाओं, संस्कृति और परंपराओं को लोगों तक पहुंचाने का रंगमंच बेहतरीन तरीका है। साथ ही ये दिन थिएटर से जुड़े कलाकारों के लिए खास होता है। इस दिन उन्हें सम्मानित भी किया जाता है। थिएटर नाटकों के माध्यम से लोगों को सामाजिक समस्याओं के प्रति भी जागरूक करता है। इस दिन लोगों को यह बताया जाता है कि रंगमंच समाज के विकास के लिए क्यों जरूरी है। उत्तराखंड के देहरादून में भी विश्व रंगमंच दिवस को अपने अंदाज में मनाया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सात दिन तक नाटकों का मंचन
उत्तराखंड के देहरादून में उत्तर नाट्य संस्थान एवं रंगमंन और दून विश्वविद्यालय के लोक कला विभाग की ओर से संयुक्त रूप से आज से सात दिवसीय नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। नाटकों का आयोजन हर शाम छह बजे से दून विश्वविद्यालय देहरादून के डॉ. नित्यानंद हिमालयन शोध अध्ययन केंद्र में होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें प्रदर्शित होने वाले नाटकों का विवरण
साल 1961 में इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट ने World Theatre Day की स्थापना थी। यह इंस्टीट्यूट यूनेस्को का एक सहयोगी ऑर्गेनाइजेशन है, जो विश्व में थिएटर को बढ़ावा देने का काम करता है। सन 1962 में मशहूर नाटककार जीन कोक्ट्यू ने विश्व रंगमंच दिवस के लिए पहला संदेश लिखा था। पहला नाटक एथेंस में एक्रोप्लिस में स्थित थिएटर ऑफ डायोनिसस में आयोजित किया गया था। इसके बाद से ग्रीस में इसका ऐसा प्रभाव हुआ कि लोग इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेने लगे। यह नाटक पांचवीं शताब्दी के शुरुआती दौर का माना जाता है। थिएटर ऑफ डायोनिसस दुनिया का सबसे पुराना थिएटर है, जिसे 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था। पेरिस में आयोजित ‘थिएटर ऑफ नेशंस’ सीजन के उद्घाटन की सालगिरह के तौर पर 27 मार्च को वर्ल्ड थियेटर डे के रूप में चुना गया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।