चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष को फिर पद से हटाया, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा- राजनीतिक द्वेष की भावना
1 min readउत्तराखंड शासन ने चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटा दिया है। उन पर अपने पद और अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप है। सचिव हरि चंद्र सेमवाल ने जारी आदेश में कहा कि गढ़वाल मंडल आयुक्त की जांच में यह भी पाया गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने निविदा समिति की सिफारिश पर न्यूनतम बोलीदाता के बजाय अधिकतम बोलीदाता की निविदाएं मंजूर की। कुछ कार्यों में एकमात्र निविदाओं को मंजूर किया गया। वहीं, उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य ने इसकी कड़ी निंदा की। साथ ही इसे राजनीतिक द्वेष की भावना करार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक बयान में यशपाल आर्य ने कहा कि वर्ष 2012-13 के जिन आरोपों के तहत चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया गया था, उस पर पूर्व में दो बार चमोली जिलाधिकारी की ओर से की गई जांच में कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई। सारी बदले की भावना थी और सरकार हाईकोर्ट में पराजित हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि अब पुनः सरकार ने चमोली जिला पंचायत निर्वाचित अध्यक्ष रजनी भंडारी को राजनीतिक द्वेष भावना से ग्रसित होकर अनियमिताओं का आरोप लगाकर अध्यक्ष पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री को अपनी सरकार के इस निर्णय पर फिर से विचार करना चाहिए। बदले की भावना, सरकार और राज्य के लिए उचित नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि एक बार फिर न्यायालय की शरण में जाकर इस अनुचित कार्रवाई के खिलाफ न्याय की गुहार करेंगे। कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता लोकतंत्र को नष्ट करने की भाजपा की इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही में मज़बूती से उनके साथ रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पद से हटाने के लिए शासनादेश में लगाए ये आरोप
जिला पंचायत अध्यक्ष को पद से हटाने संबंधी शासनादेश में कहा गया है कि श्री नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग की ओर से प्राप्त धनराशि से विभिन्न काम होने थे। इसके लिए जिला पंचायत की ओर से 64 निविदाएं आमंत्रित की गई थी। इसमें न्यूनतम दर वाली निविदाओं के बजाय अधिक दर वाली निविदाओं को मंजूर किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मामले की जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है, उसमें पाया गया है कि 64 में से 30 कार्यों के लिए प्राप्त निविदाओं के तुलनात्मक विवरण से स्पष्ट है कि इन मामलों में प्राप्त निविदाओं को खोलने के लिए गठित समिति ने जिन न्यूनतम निविदाओं के संबंध में अपनी सिफारिश दी। जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने इसके विपरीत दूसरे निविदादाताओं के पक्ष में अपनी स्वीकृति दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा बीआरजीएफ एवं राज्य वित्त के एक-एक काम घटूगाड-पिण्डवाली गदेरे पर पुलिया निर्माण एवं ग्राम सभा सुभाई के तहत भविष्य बद्री मार्ग निर्माण भी समिति की सिफारिश के विपरीत मंजूर किए गए। आदेश में कहा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी ने अपने पूर्ववर्ती जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यकाल में अपने पद कर्तव्य एवं दायित्वों के विपरीत जाकर काम किया। जो उत्तराखंड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 138 (1) के तहत एक गंभीर अनाचार उल्लंघन की श्रेणी में आता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मसले पर जिला पंचायत अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उनका जवाब शासनस्तर पर संतोषजनक नहीं पाया गया है। जिन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के पर्याप्त आधार पाते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के पद से हटाया जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले भी हटाया गया था पद से
शासन ने चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को पूर्व में भी अध्यक्ष पद से हटाया था, लेकिन इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट से स्टे ले आई थीं। अब शासन की ओर से एक बार फिर उन्हें पद से हटा दिया गया है।
रजनी भंडारी का तर्क
इस संबंध में रजनी भंडारी ने कहा कि कोई वित्तीय हानि नहीं हुई। जानबूझकर बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट मेरे पति राजेंद्र भंडारी से विधानसभा चुनाव हारे हैं। इसलिए सरकार बदले की भावना से काम कर रही है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।