अशोक आनन की कविता- गया तेईस का साल
खुशियों के अक्षत डाल
गया तेईस का साल।
सपनों का
सूरज उगा।
हाथों से
फ़िर तम चुगा।
कमल खिलाकर हर ताल
गया तेईस का साल।
आस के-
पंछी चहका।
मुहब्बत के
फूल महका।
उन्नत कर भारत भाल
गया तेईस का साल। (कविता जारी, अगले पैरे में देखिए)
भू को
हरी चुनर ओढ़ा।
मुस्कान
उस पर पोढ़ा।
गुलशन को कर ख़ुशहाल
गया तेईस का साल।
हर द्वार पर
दीप जला।
तमस की
हर टाल बला।
भुला बाढ़ और अकाल
गया तेईस का साल।
कवि का परिचय
अशोक आनन
जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।