सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह का आया बयान, कहा- ये अहम नहीं कौन है ईडी चीफ, परिवारवादियों पर जारी रहेगी कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाने को अवैध करार दिए जाने पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं, इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान आया। शाह ने कहा कि यह अहम नहीं है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का निदेशक कौन है? क्योंकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले परिवारवादियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर रखेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को तीसरा सर्विस एक्सटेंशन दिये जाने को अवैध ठहराया है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ED डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने का केंद्र का फैसला गैर-कानूनी है। कोर्ट के इस आदेश के बावजूद मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे। तब तक सरकार को नए चीफ की नियुक्ति करनी होगी। हालांकि, कोर्ट ने 2021 में कार्यकाल बढ़ाने वाले कानून में हुए बदलाव को वैध बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी जांच एजेंसी के डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सरकार को इसकी ठोस वजह लिखित में बतानी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार की ओर से जारी एक अधिसूचना के अनुसार 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी का कार्यकाल 18 नवंबर तक निर्धारित था। केंद्र ने अध्यादेश के जरिए उनका कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि कोर्ट पहले ही कह चुका था कि दूसरी बार के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल न बढ़ाया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कोर्ट के फैसले के बाद अमित शाह ने ट्वीट किया कि ईडी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से भ्रम में हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) अधिनियम में संशोधन, जिसे संसद द्वारा विधिवत पारित किया गया था, उसे बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की शक्तियां पहले जैसी हैं, क्योंकि यह एक ऐसी संस्था है जो किसी व्यक्ति विशेष से परे है। यह अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने के प्रति लक्षित है. यानी मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच जारी रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अमित शाह ने कहा कि इसतरह, यह महत्वपूर्ण नहीं है कि ईडी का निदेशक कौन है, क्योंकि जो कोई भी इस पद पर होगा, वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले ‘परिवारवादियों के क्लब’ के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर नजर रखेगा। संजय कुमार मिश्रा को एक्सटेंशन देने के पीछे सरकार का तर्क है कि उनकी जगह लेने के लिए अभी कोई दूसरा अफसर तलाश नहीं किया जा सका है। वे अभी मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में नई नियुक्ति के लिए हमें थोड़ा और समय चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यहां ये बताना भी जरूरी है कि भ्रष्टाचार के मामलों में ईडी ने ज्यादातर विपक्ष पर ही कार्रवाई की है। ईडी ने जिन नेताओं पर केस दर्ज किए हैं, उनमें मात्र पांच फीसद पर ही कार्रवाई हुई है। ऐसे में विपक्ष आरोप लगाता रहा है कि बीजेपी ने ईडी को अपना राजनीतिक खिलौना बना दिया है। रही परिवारवाद की बात, तो बीजेपी के कई नेता ऐसे हैं, जिनके परिवार के लोग भी राजनीति में शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी उनके बेटे को बीसीसीआई प्रमुख बनाने के आरोप हैं, जबकि उनके बेटे जय शाह ने शायद ही कभी भारत के लिए क्रिकेट खेला हो।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।