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December 6, 2025

आज का पत्रः कांग्रेस ने सीएम को लिखा- महिला खिलाड़ियों के शोषण मामले की कराई जाए सीबीआई से जांच

उत्तराखंड कांग्रेस ने शनिवार आठ अप्रैल से आज का पत्र (टुडेज लेटर) नाम से एक अभियान शुरू किया है। ये अभियान 30 अप्रैल तक हर दिन चलाया जाना है। इस अभियान में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, ब्लॉक कांग्रेस कार्यालय और जिला कांग्रेस कार्यालय से लेकर प्रदेश इकाई कांग्रेस के नेता हर दिन एक विषय लेकर पत्र लिख रहे हैं। इसके तहत देशहित के मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को और राज्य के मुद्दों को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखे जा रहे हैं। अभियान के छठवें दिन आज उत्तराखंड कांग्रेस ने महिला क्रिकेट खिलाड़ियों के शोषण का मुद्दा उठाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आज 13 अप्रैल 2023 की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी,
उत्तराखंड की महिला क्रिकेट खिलाडियों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं। ये खबरें मीडिया के माध्यम से प्रचारित हो रहीं हैं। देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा के लिए इस प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाई जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि क्रिकेट कोच का ट्रेनी नाबालिग महिला खिलाड़ियों से फोन पर अश्लील बात करने का वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपी ने जहर खा लिया था और अस्पताल में भी भर्ती रहा। डिस्चार्ज होने के बाद आरोपी क्रिकेट कोच नरेंद्र लाल शाह को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जिसे जमानत भी मिल गई। तीनों नाबालिग क्रिकेट खिलाड़ियों के भी मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज हो चुके है। आरोप है कि कोच शाह इन खिलाड़ियों को टीम में सेलेक्शन का लालच देकर अन्य पदाधिकारियों से सम्बन्ध बनाने का दबाव बनाता था। साथ ही धमकी भी देता था। ऑडियो में कोच शाह खुलेआम एक नाबालिग को भद्दी भद्दी गालियां भी दे रहा है। ऑडियो वॉयरल होने के बाद क्रिकेटर स्नेह राणा के कोच नरेंद्र शाह को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) ने सह समन्वयक पद से हटा दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले में क्रिकेट संघ से जुड़े दो नामों के अलावा कुछ अधिकारियों के नाम भी तेजी से उछल रहे हैं। चर्चा है कि क्रिकेट एसोसिएशन से किसी न किसी तौर पर जुड़े इन अधिकारियों तक दून पुलिस की जांच का घेरा कसा जाएगा। हालांकि, दर्ज की गई एफआईआर में किसी बड़े अधिकारी का नाम नहीं है, सिर्फ क्रिकेट संघ से जुड़े दो पदाधिकारियों के नाम दर्ज किए गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले दिन आठ अप्रैल की चिट्ठी
माननीय प्रधानमंत्री जी, देश की वर्तमान स्थिति का आंकलन करने के पश्चात, मुझे महसूस हो रहा है कि देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थांयें तथा परम्परायें , कमजोर हो रही हैं। मैं, देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान को अक्षुण रखने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। मैं भारतीय संस्कृति की उच्च परम्पराओं के अनुसार, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करता रहूँगा। देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखना हर भारतीय का कर्तव्य है. देश में लोकतंत्र, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान की रक्षा, तथा बढ़ती आर्थिक विषमताओं के खिलाफ, कल्याणकारी राज्य हेतु, मेरा सत्याग्रह है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

दूसरे दिन नौ अप्रैल की चिट्ठी
दूसरे दिन की चिट्ठी में भारतीय सेनाओं के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों में रिक्त पड़े पदों की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया। इसमें कहा गया है कि-आदरणीय प्रधानमंत्री जी, इस समय थल सेना में, 1 लाख 55 हजार पद, नौसेना में 12,428 और वायु सेना में 7,031 पद खाली हैं। सेनाओं में JCO के 1,27,673 पद, नर्सिंग अफसर के 509 पद, तथा सिविलियन सेवा के 38,678 पद खाली हैं, अर्थात भारतीय सेना में कुल 2,82,673 पद खाली हैं। इसके अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों में 83,000 पद खाली हैं। क्या आप सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड के नौजवानों को सेना में सेवा का अवसर देंगे? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीसरे दिन 10 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय प्रधानमंत्री जी, क्या अडानी समूह का चीन के चांग लुंग की कंपनी PMC से रिश्ता है? क्या अडानी के भाई और चांग, 2007 में सिंगापूर में एक ही घर पर रहते थे ? क्या चांग की कम्पनी अडानी के पते पर रजिस्टर्ड है ? क्या ये दोनों कम्पनीयां सामरिक महत्त्व की परियोजनाओं पर भी काम कर रही हैं ? क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं करता है? इसीलिये आवश्यक है कि अडानी की कंपनी को 20000 करोड़ रूपये कहाँ से मिले, यह देश को बताया जाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चौथे दिन 11 अप्रैल की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, अंकिता भंडारी की हत्या हुए, लगभग 8 महीने हो गए हैं। लेकिन अभी तक कुछ प्रश्न अनुत्तरित हैं। क्या कोई VIP उस रात रेजॉर्ट में आने वाला था? रिजोर्ट को बुलडोजर से क्यों तोडा गया ? रिजोर्ट में आग किसने और क्यों लगाई? रिजोर्ट पुलिस की अभिरक्षा में होने के वावजूद, वहां आवागमन कैसे हो रहा है ? सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवा रही है ? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पांचवे दिन 12 अप्रेल 2023 की चिट्ठी
आदरणीय मुख्यमंत्री जी, उत्तराखंड की बेटी की दिल्ली के छावला में वर्ष 2012 में बलात्कार के बाद निर्मम हत्या कर दी गई थी। उसके अपराधियों को जिला अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, उसके पश्चात गुनहगारों ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की, लेकिन उच्च न्यायालय ने भी उनकी फांसी की सजा बरक़रार रखी। उसके बाद सभी अपराधी सर्वोच्च न्यायालय गए। सर्वोच्च न्यायालय ने सबूतों के अभाव में सभी अपराधियों छोड़ दिया। उत्तराखंड की बेटी के माता–पिता दर दर की ठोकरें खा रहे हैं। सवाल यह है कि अगर इन चारों ने उत्तराखंड की बेटी की हत्या नहीं की तो फिर किसने की? उत्तराखंड सरकार ने पीड़िता के परिजनों को न्याय दिलवाने के लिए क्या प्रयास किया?

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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