चीन के खतरे को नहीं समझ रहे हैं विदेश मंत्री, मीडिया को चुप कराना नया ट्रेंड है बीबीसी की घटनाः राहुल गांधी
केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के खतरे को नहीं समझ रहे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान कि किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है, चीनियों के लिए एक निमंत्रण हैं। वे इसे फिर से कर सकते हैं। लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बातचीत में वायनाड सांसद ने कहा कि वह भारतीय विदेश नीति का समर्थन करते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति को लेकर कोई बड़ी असहमति नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल गांधी से एक काल्पनिक सवाल पूछा गया कि अगर चीन या पाकिस्तान भारत पर आक्रमण कर दें और चूंकि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कोई पोजिशन नहीं ली थी तो भारत में आक्रमण होने पर दुनिया द्वारा इसे भी नजरअंदाज किया जा सकता है। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां तक भारतीय विदेश नीति का सवाल है, मैं भारतीय विदेश नीति का समर्थन करता हूं और यह ठीक है। मेरी इससे कोई बड़ी असहमति नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारत को सैन्य खतरों से निपटने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि आपको सैन्य खतरों से सैन्य रूप से निपटना होगा, लेकिन आपको खतरे की प्रकृति को समझना होगा और आपको खतरे की प्रकृति का जवाब देना होगा। विदेश मंत्री के साथ मेरी एक बातचीत हुई थी, मेरे विचार से वह खतरे को नहीं समझते हैं। सरकार चीन से वास्तविक खतरे को नहीं समझ रही है। प्रधानमंत्री का यह कहना कि हमारे क्षेत्र में किसी ने प्रवेश नहीं किया है, यह दर्शाता है कि वह खतरे को नहीं समझते हैं। क्योंकि उस बयान से चीन को संदेश है कि आप इसे फिर से कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी के आरोपों पर किया पलटवार
विदेश में देश को बदनाम करने के बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पलटवार किया है। राहुल गांधी ने कहा कि यह पीएम नरेंद्र मोदी थे, जिन्होंने आजादी के बाद से देश की उपलब्धियों को बदनाम करके ऐसा किया। भाजपा ने राहुल गांधी के कैंब्रिज में दिए भाषण के बाद आरोप लगाया कि उन्होंने बार-बार चुनावी हार के बाद विदेशों में भारत को बदनाम किया है। राहुल गांधी ने इंडिया इनसाइट्स कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि मुझे याद है कि प्रधानमंत्री ने विदेश जाकर कहा था कि आजादी के 60 या 70 साल में कुछ भी नहीं किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि मुझे याद है कि उन्होंने कहा था कि एक दशक खो दिया है, भारत में असीमित भ्रष्टाचार है। विदेश में उनका यह कहना मुझे याद है। मैंने कभी अपने देश का अपमान नहीं किया। मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं इसे कभी नहीं करूंगा। बेशक, बीजेपी को मेरी बात को तोड़मरोड़ कर पेश करना पसंद आया। यह ठीक है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि लेकिन तथ्य यह है कि जो व्यक्ति विदेश जाने पर भारत को बदनाम करता है, वह भारत का प्रधानमंत्री है। आपने उनका भाषण नहीं सुना है। जहां उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारत में कुछ भी नहीं किया गया है। हर भारतीय अपने माता-पिता, दादा-दादी का अपमान करता है? कांग्रेस ने पीएम मोदी की दुबई में अगस्त 2015 में की गई टिप्पणियों के लिए आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछली सरकार से अनिर्णय, सुस्ती की समस्याएं विरासत में मिली हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उस वर्ष मई में दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि एक समय था जब लोग भारत में पैदा होने को लेकर पछताते थे और यह कहते हुए देश छोड़ते थे कि यहां अच्छा नहीं है। वे बेहतर अवसरों के लिए जाना चाहते थे। अब, वे लोग कह रहे हैं कि वे वापस आने के लिए तैयार हैं। भले ही उनकी आय अन्य जगहों की तुलना में कम हो। मूड बदल गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार के खिलाफ बीबीसी बोलना बंद करे तो सब हो जाएगा सामान्य
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को लंदन में मीडिया से बातचीत में कहा कि बीबीसी की घटना भारत में आवाज दबाने का उदाहरण मात्र है। बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री विवाद पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि यह एक तरह से अडानी के समान है। एक तरह से एक औपनिवेशिक हैंगओवर भी है। हर जगह जहां विरोध होता है, वहां एक बहाना होता है। पूरे देश में आवाज को दबाने की कोशिश होती है। बीबीसी एक उदाहरण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बीबीसी को इस बारे में अभी पता चला है, लेकिन भारत में ये सिलसिला पिछले 9 सालों से चल रहा है। पत्रकारों को धमकाया जाता है, उन पर हमला किया जाता है और सरकार की बात करने वाले पत्रकारों को पुरस्कार दिए जाते हैं। यह एक पैटर्न का हिस्सा है। मैं कुछ अलग की उम्मीद नहीं करूंगा। अगर बीबीसी सरकार के खिलाफ लिखना बंद कर दे तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा। यह भारत की नई सोच है। बीजेपी चाहती है कि भारत खामोश रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मीडिया को चुप कराना नया ट्रेंड
जब राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या मीडिया को चुप कराना नया ट्रेंड है? इस पर उन्होंने कहा- बिल्कुल, यह कभी भी उस पैमाने पर नहीं किया गया है, जिस पैमाने पर आज किया जा रहा है। यह भारतीय संस्थानों पर पूरी तरह से हमला है, जो आधुनिक भारत में पहले कभी नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि यह वजह है कि देश को खामोश करने के बीजेपी के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाने की अभिव्यक्ति के तौर पर उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकतांत्रिक ढांचों पर बर्बर हमले
इससे पहले कांग्रेस नेता ने शनिवार को आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतांत्रिक ढांचों पर बर्बर हमले हो रहे हैं और देश के लिए एक वैकल्पिक नजरिये के इर्दगिर्द एकजुट होने के लिए विपक्षी दलों में बातचीत चल रही है। लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं। हमें सामान्य तरीके से लोगों के मुद्दे रखने में बहुत मुश्किल हो रही थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी चाहती है कि भारत खामोश रहे। क्योंकि वे चाहते हैं कि जो भारत का है उसे ले सकें और अपने करीबी दोस्तों को दे सकें। यही विचार है, लोगों का ध्यान भटकाना और फिर भारत की संपत्ति को तीन, चार, पांच लोगों को सौंप देना। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल का सावरकर पर निशाना
अपने भाषण में राहुल गांधी ने एक बार फिर विनायक सावरकर पर निशाना साधा। कहा कि सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि एक दिन उन्होंने अपने पांच-छह दोस्तों के साथ मिलकर एक मुस्लिम की पिटाई की, जिससे उन्हें खुशी हुई। यह कायरता है कि कमजोर को सताओ और ताकतवर से डरो. यही बीजेपी की विचारधारा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
RSS और बीजेपी पर हमला
राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री कहते हैं कि चीन हमसे मजबूत है इसलिए हम उनसे नहीं लड़ सकते। अंग्रेज भी हमसे मजबूत थे तो क्या हमें आजादी की लड़ाई नहीं लड़नी चाहिए थी? अगर हम आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा पर चलते तो अभी भी अंग्रेज हम पर शासन कर रहे होते।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।