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March 15, 2025

उत्तराखंड विधानसभा में बाहरी राज्यों के लोगों की नियुक्ति पर महिला कांग्रेस ने उठाए सवाल

उत्तराखंड महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने विधानसभा में फिर से बिहार, उत्तरप्रदेश व दिल्ली के लोगों को नियुक्ति देने पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष की ओर से गठित जॉंच समिति को भी घेरा है। इस संबंध में उन्होंने आज देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता की। इसमें उन्होने कहा कि लगता है विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी की ओर से बनाई गई अधिकारियों की जॉंच समिति ने पुदीने की हरी चटनी है। जो समोसे खाकर 2001 के बाद विधानसभा में की गई समस्त नियुक्तियों पर अपनी कृपा बरसाई गई है। इसलिए भाजपा नेताओं के नाते रिश्तेदारों को नही हटाया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होने कहा कि अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने भी बिहार, उत्तरप्रदेश व दिल्ली के लोगों विधानसभा में नियुक्ति देकर उत्तराखंड के युवाओं के साथ धोखा किया है। क्या उन्हें उत्तराखंड का कोई युवा इस योग्य नही मिला। क्या नियुक्ति के लिए कोई परिक्षा कराई गई। क्या कहीं विज्ञापन निकला। किसने फार्म भरे। कहां पेपर हुए। इन सब सवालों के साथ विधानसभा अध्यक्षा का भी दोहरा मापदण्ड़ सामने आया है। लगता है उनका बिहार के प्रति लगाव जागा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि राज्य गठन के बाद से 22 साल में 480 लोगों को विधानसभा में बैकडोर से नौकरी दी गई। इस पर शोर मचने पर स्पीकर ने तीन सितंबर को रिटायर्ड आइएएस डीके कोटिया, एसएस रावत व आवनेंद्र नयाल की एक जांच कमेटी बनाई थी। इसे एक माह में रिपोर्ट देने को कहा गया था। जांच समिति की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपने के बाद भर्ती प्रकरण के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने हाल ही में बड़ा एक्शन लिया था। उन्होंने विधानसभा में 480 में से 228 नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। ये 2012 के बाद से की गई तदर्थ नियुक्तियां हैं। इनमें उपनल से की गई 22 भर्तियां भी रद्द कर दी गईं। इसके साथ ही उन्होंने सचिव मुकेश सिंघल को भी निलंबित कर दिया था। इस एक्शन के बाद अब बताया जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के कार्यकाल में भी यूपी, बिहार और दिल्ली के कुछ लोगों को ऐसी ही नियुक्तियां दी गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस नेत्री ने अंकिता हत्याकांड पर भी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र पुलकित आर्या को बचाने में लगा हुआ है। इसलिए सबूतों को नष्ट किया गया है। पोस्ट मार्टम में भी महिला ड़ाक्टर का न होना भी संदेह खड़ा करता है। उन्होने आरएसएस के प्रचारक विपिन कर्णवाल की ओर से अंकिता व अंकिता के पिता व परिवार की गई टिप्पणी पर भी पोक्सों एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करानी की मांग की। कहा कि उसने महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कृत्य किया है। उसकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होने कहा कि अंकिता हत्याकांड की जाँच हाईकोर्ट की एक बेंच की निगरानी में होनी चाहिए। उनके द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर होनी चाहिए। सीबीआइ पर उन्हें भरोसा नहीं है। क्योंकि अभी तक सीबीआइ केवल उन्हीं को दंडित कर रही है, जो भाजापा सरकार के राजनैतिक विरोधी हैं। कांग्रेस नेता ने विधान सभा अध्यक्ष की ओर से नियुक्त किए गये लोगों की सूची भी प्रेस को जारी की।
पढ़ेंः उत्तराखंड में अब वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष पर भी लगे बैकडोर से भर्ती के आरोप, सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही एक ही पोस्ट

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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