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December 23, 2024

उत्तराखंड में पत्रकारिता जगत को झटका, नहीं रहे 1970 के संपादक, पत्रकार एवं फिल्मकार डॉ. आरके वर्मा

उत्तराखंड में पत्रकारिता जगत में दुख भरी खबर सामने आई है। वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं फिल्मकार डॉ. आरके वर्मा का आज शुक्रवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। 83 वर्षीय डॉ. वर्मा ने देहरादून में अपने गांधी रोड स्थित आवास पर अंतिम सांस ली।

उत्तराखंड में पत्रकारिता जगत में दुख भरी खबर सामने आई है। वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार एवं फिल्मकार डॉ. आरके वर्मा का आज शुक्रवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। 83 वर्षीय डॉ. वर्मा ने देहरादून में अपने गांधी रोड स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वे पिछले एक वर्ष से बीमार थे और घर पर ही थे। डा वर्मा अपने पीछे परिवार में पत्नी स्नेह वर्मा, 4 पुत्र संजीव वर्मा, राजीव वर्मा, मनीष वर्मा, सचिन वर्मा, 2 पुत्रियों बिंदु एवं ऋतु मित्रा से भरा पूरा परिवार को छोड़ गए। उनके छोटे भाई अशोक वर्मा के अनुसार उनके पार्थिव शरीर को आज 3 बजे दाह संस्कार के लिए 10 गांधी रोड देहरादून से श्मशान घाट लकखीबाग ले जाया जाएगा ।
पत्रकारिता के क्षेत्र में डॉ. वर्मा के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता है। समाचार पत्र 1970 के माध्यम से वह ज्वलंत मुद्दों को उठाते रहे। देश में जब पहली बार इमरजेंसी लगी तब देहरादून से कुछ ही समाचार पत्र प्रकाशित होते थे। उनमें डॉ. आरके वर्मा की भूमिका भी अहम रही। उत्तराखंड के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास, देहरादून के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास, फिल्मोग्राफी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद फौज, मैजिक एवं मिस्टी, भूखे बिसरे गीत, भूले बिसरे चेहरे, राजनीति के चुटकुले आदि प्रमुख पुस्तकें डा आर के वर्मा ने लिखीं।
दैनिक नवजीवन, फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया के जर्नल से भी डा वर्मा काफी समय तक जुड़े रहे। नागरिक परिषद की स्थापना कर डा आर के वर्मा ने उत्तराखंड राज्य में उत्थान एवं जनता की निस्वार्थ सेवा कर रही विभूतियों को दून रत्न एवं उत्तराखंड रत्न से भी नवाजा। दून रत्न प्राप्त करने वालो में सतपाल महाराज, असलम खान, पूर्व सीएम नित्यानंद स्वामी, एयर मार्शल दिलबाग सिंह, एयर वाइस मार्शल एच एल कपूर, पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा, करतार सिंह (शाहिद भगत सिंह के भाई ),आर एस टोलिया, डा महेश कुरियाल, पद्म श्री डा आर के जैन, चेशायर होम देहरादून, सेवा धाम आदि अनेक विभूतियों का सम्मान किया।
वह उत्तराखंड के सहकारिता आंदोलन के जनक भी रहे। वह उत्तराखंड में सबसे पहले जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष रहे। उत्तराखंड फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष, फिल्म फेस्टिवल कमेटी के जज भी रहे। इसके साथ ही वह देश दुनिया के समाचार पत्रों की प्रदर्शनी का आयोजन भी करते रहे। डा आर के वर्मा उत्तर प्रदेश फिल्म बोर्ड के सदस्य रहे एवम उत्तराखंड की फिल्म पॉलिसी समिति के संयोजक रहे। फिल्म फेस्टिवल 2005 की कमेटी का उन्हे ज्यूरी मेंबर बनाया गया। डा आर के वर्मा का नाम 2005 एवम 2006 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की ओर से पदम श्री पुरुस्कार के लिए भी भेजा गया था।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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