केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का पंचायतों में जन सहभागिता पर जोर, सतपाल महाराज ने दी खराब सड़कों की जानकारी
केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पंचायतों को मजबूत करने के लिए जन सहभागिता जरूरी है।

बैठक के दौरान प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने पीएमजीएसवाई की ओर से निर्मित सड़कों की खराब गुणवत्ता के विषय में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को बताया। इस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों के निर्माण में जन सहभागिता और पारदर्शिता होनी बहुत जरूरी है। विकास योजनाओं के विषय में पंचायत स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों, सांसदों और विधायकों से इस संबंध में दिशा निर्देश प्राप्त करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानकों अनुरूप गुणवत्ता परखने के लिए 5 किलोमीटर लंबी सड़कों के लिए लैब का होना आवश्यक है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार योजनाओं की जानकारी ग्राम पंचायत स्तर पर पहुंचाने की व्यवस्था, पारदर्शिता और जन सहभागिता का होना अति आवश्यक है। उन्होंने पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायतों का स्थापना दिवस मनाया जाना चाहिए और सभी विभाग इसमें मिलकर अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इस प्रकार के आयोजन के माध्यम से कौन-कौन सी योजनाएं आम जनता के लिए चलाई जा रही हैं, उसका लाभ किस प्रकार से उठाया जा सकता है। यह सभी जानकारियां उपलब्ध करवाना आवश्यक है।
बैठक के दौरान पंचायत मंत्री सतपाल महाराज कहा कि किसानों को मौसम की जानकारी देने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित करना चाहिए जिससे कि वस मौसम के अनुरूप अपनी खेती की तैयारी कर सकें। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत 9727 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों में से अभी तक कुल 3189 अभ्यर्थियों को ही रोजगार दिए जाने पर केंद्रीय मंत्री ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अति शीघ्र अन्य प्रशिक्षणार्थियों को भी रोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न गांव में सफल महिलाओं स्टोरी को बनाकर उसे लोगों को सुनाएं। प्रोग्रामिंग के माध्यम से सरकार की योजनाओं को ग्रामसभा स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करें।
बाज और बुरांस पर काम करने की आवश्यकता पर बल देते हैं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सतत विकास लक्ष्य 2030 की प्राप्ति तभी संभव है, जब हम पंचायतों को सशक्त करने के लिए आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करें। जलागम विभाग के अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिए कि जो जमीन खेती के योग्य नहीं है वहां पर प्लांटेशंस की व्यवस्था हो और इसके लिए पायलेट प्रोजेक्ट बनाकर विभाग आपस में चर्चा करें। जहां पर फल युक्त वृक्ष लगाने की आवश्यकता है वहां पर फलों के वृक्ष लगाएं और जहां पर अन्य वृक्षों की जरूरत है वहां पर उनका रोपण किया जाए।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, भारत सरकार के पंचायती राज सचिव सुनील कुमार, संयुक्त सचिव आलोक कुमार नागर, ग्रामीण विकास विभाग भारत सरकार के डी.डी.जी. गया प्रसाद, भूमि संसाधन विभाग भारत सरकार के संयुक्त सचिव उमाकांत, प्रदेश के पंचायती राज विभाग के सचिव नितेश झा, निदेशक बंशीधर तिवारी, संयुक्त निदेशक राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी एवं उप निदेशक मनोज कुमार तिवारी आदि मौजूद थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।