करवाचौथः दिल्ली एनसीआर से लेकर उत्तर भारत में बारिश, चांद के दीदार को तरसे, ऐसे की पूजा, कनाडा में शनिवार को मना पर्व

वहीं, करवाचौध के मौके पर विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से कार्यक्रम भी आचोजित किए जा रहे हैं। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में यह व्रत होता है। इस वर्ष रविवार के दिन यह व्रत पड़ने से खास संयोग बना। रविवार को सूर्य का प्रभाव ज्यादा होता है। सूर्य आरोग्यता और दीर्घायु के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में बादल हैं। यदि चांद का दीदार नहीं हो पाया तो कोई बात नहीं। आसमान में चांद अपने निश्चित समय पर निकला। ऐसे में चांद का अहसास (भान) कर पूजा करना भी फलदायक है। इसी तरह महिलाओं ने चांद की ओर मुंह करके पूजा की। हालांकि बनारस, लखनऊ आदि स्थानों में चांद दिखा। क्योंकि यहां आसमान कुछ साफ था।
शुभ मुहूर्त
करवा चौथ 24 अक्टूबर को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से शुरू हुआ। यह 25 अक्टूबर की सुबह पांच बजकर 43 मिनट तक चलेगा। व्रत का शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर की सुबह 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट के बीच बन रहा है। चंद्रोदय का समय 8 बजकर 7 मिनट है। इस समय पर सुहागिनों ने चांद की तरफ मुख करके पूजा की।
फोटोः मेरठ के गंगासागर में करवाचौथ के मौके पर एकत्र महिलाएं। बस एक सेल्फी भी हो जाए।
कनाडा में शनिवार को मनाया गया करवाचौथ
कनाडा में करवाचौथ का व्रत शनिवार को वहां के समय के हिसाब से मनाया गया। वहां के समयानुसार शनिवार की शाम छ बजकर 21 मिनट से शाम सात बजकर 41 मिनट तक पूजा का मुहूर्त था। साथ ही करवाचौथ उपासना के समय के अनुसार शनिवार की सुबह सात बजकर 42 मिनट से शाम आठ बजे तक था। कनाडा में रह रहे भारतीयों के मुताबिक वहां इसी समय के अनुरूप व्रत रखा गया और उपवास को खोला गया। हालांकि शनिवार को कनाडा में भी बादल ही थे। ऐसे में चंद्रोदय के समय आसमान को देखकर पूजा की गई।
फोेटोः कनाडा में चांद का दीदार करती महिला।
कथा
बहुत समय पहले की बात है, एक साहूकार के सात बेटे और उनकी एक बहन करवा थी। सभी सातों भाई अपनी बहन से बहुत प्यार करते थे। यहाँ तक कि वे पहले उसे खाना खिलाते और बाद में स्वयं खाते थे। एक बार उनकी बहन ससुराल से मायके आई हुई थी। शाम को भाई जब अपना व्यापार-व्यवसाय बंद कर घर आए तो देखा उनकी बहन बहुत व्याकुल थी। सभी भाई खाना खाने बैठे और अपनी बहन से भी खाने का आग्रह करने लगे, लेकिन बहन ने बताया कि उसका आज करवा चौथ का निर्जल व्रत है और वह खाना सिर्फ चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य देकर ही खा सकती है। चूँकि चंद्रमा अभी तक नहीं निकला है, इसलिए वह भूख-प्यास से व्याकुल हो उठी है।
सबसे छोटे भाई को अपनी बहन की हालत देखी नहीं जाती और वह दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख देता है। दूर से देखने पर वह ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे चतुर्थी का चाँद उदित हो रहा हो। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि चाँद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देने के बाद भोजन कर सकती हो। बहन खुशी के मारे सीढ़ियों पर चढ़कर चाँद को देखती है, उसे अर्घ्य देकर खाना खाने बैठ जाती है। वह पहला टुकड़ा मुँह में डालती है तो उसे छींक आ जाती है।
दूसरा टुकड़ा डालती है तो उसमें बाल निकल आता है और जैसे ही तीसरा टुकड़ा मुँह में डालने की कोशिश करती है तो उसके पति की मृत्यु का समाचार उसे मिलता है। वह बौखला जाती है। उसकी भाभी उसे सच्चाई से अवगत कराती है कि उसके साथ ऐसा क्यों हुआ। करवा चौथ का व्रत गलत तरीके से टूटने के कारण देवता उससे नाराज हो गए हैं और उन्होंने ऐसा किया है। सच्चाई जानने के बाद करवा निश्चय करती है कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं होने देगी और अपने सतीत्व से उन्हें पुनर्जीवन दिलाकर रहेगी।
वह पूरे एक साल तक अपने पति के शव के पास बैठी रहती है। उसकी देखभाल करती है। उसके ऊपर उगने वाली सूईनुमा घास को वह एकत्रित करती जाती है। एक साल बाद फिर करवा चौथ का दिन आता है। उसकी सभी भाभियाँ करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जब भाभियाँ उससे आशीर्वाद लेने आती हैं तो वह प्रत्येक भाभी से ‘यम सूई ले लो, पिय सूई दे दो, मुझे भी अपनी जैसी सुहागिन बना दो’ ऐसा आग्रह करती है, लेकिन हर बार भाभी उसे अगली भाभी से आग्रह करने का कह चली जाती है।
इस प्रकार जब छठे नंबर की भाभी आती है तो करवा उससे भी यही बात दोहराती है। यह भाभी उसे बताती है कि चूँकि सबसे छोटे भाई की वजह से उसका व्रत टूटा था अतः उसकी पत्नी में ही शक्ति है कि वह तुम्हारे पति को दोबारा जीवित कर सकती है, इसलिए जब वह आए तो तुम उसे पकड़ लेना और जब तक वह तुम्हारे पति को जिंदा न कर दे, उसे नहीं छोड़ना। ऐसा कह के वह चली जाती है। सबसे अंत में छोटी भाभी आती है। करवा उनसे भी सुहागिन बनने का आग्रह करती है, लेकिन वह टालमटोली करने लगती है।
इसे देख करवा उन्हें जोर से पकड़ लेती है और अपने सुहाग को जिंदा करने के लिए कहती है। भाभी उससे छुड़ाने के लिए नोचती है, खसोटती है, लेकिन करवा नहीं छोड़ती है। अंत में उसकी तपस्या को देख भाभी पसीज जाती है और अपनी छोटी अँगुली को चीरकर उसमें से अमृत उसके पति के मुँह में डाल देती है। करवा का पति तुरंत श्रीगणेश-श्रीगणेश कहता हुआ उठ बैठता है। इस प्रकार प्रभु कृपा से उसकी छोटी भाभी के माध्यम से करवा को अपना सुहाग वापस मिल जाता है। हे श्री गणेश माँ गौरी जिस प्रकार करवा को चिर सुहागन का वरदान आपसे मिला है, वैसा ही सब सुहागिनों को मिले।
प्रेस क्लब में रंगारंग कार्यक्रम, महिलाओं को लगाई मेहंदी
देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब ने करवाचौथ के उपलक्ष्य पर क्लब महिला सदस्यों व सदस्यों की पारिवारिक महिलाओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। इस अवसरपर सभी महिलाओं को मैहंदी लगवायी गयी। इसके साथ ही महिलाओं ने डीजे की धुन पर नृत्य व रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन क्लब की संयुक्त मंत्री व कार्यक्रम की संयोजिका लक्ष्मी बिष्ट ने किया।
इस अवसर पर लक्ष्मी बिष्ट ने सभी महिलाओं को करवाचौथ की दी। इस अवसर पर प्रेस क्लब अध्यक्ष की धर्मपत्नी ममता गुलेरिया, कोषाध्यक्ष की धर्मपत्नी दीपशिखा गुसाईं व क्लब सदस्य रश्मि खत्री, गीता मिश्रा, उषा रावत, मीना नेगी, सुलोचना पयाल, रेनू सकलानी, प्रिया गुलाटी, सरिता, नलिनी गुसाईं के साथ ही मीनाश्री बहुगुणा, स्वाति उनियाल, प्रीति घिल्डियाल, दीपा भट्ट, सुधा बड़थ्वाल, उर्मिला रावत, तनु अग्रवाल, चंद्रावती, नीलम कोहली, विजया भट्ट, मेनका जयाड़ा, शिखा रावत, नेहा, सोना राजपूत, वंदना अग्रवाल, दीपा शर्मा, रंजना परगाईं, प्रियंका, प्रीति रावत, मीना बड़थ्वाल, चंद्रावती, किरन बहुगुणा, आयशा, सोनी चमोली, संपति देवी, पूनम, सुशीला रावत, सीमा आदि उपस्थित थे।
देहरादून के सहसपुर में किया कीर्तन, सुनाई कथा
उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल के संयोजन में देहरादून में सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जामुनवाला में करवा चौथ के पवित्र त्यौहार के मौके पर वार्ड सदस्य ऋषिका देवी के निवास पर क्षेत्र की महिलाओं एकत्र हुई। इस मौके पर भजन कीर्तन गाए और कथा सुनाई गई। इस मौके पर लक्ष्मी कपरूवान अग्रवाल ने कहा कि माताओ और बहनों के लिए करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, वरन यह एक विश्वास है जो सात जन्मों तक पति-पत्नी को अटूट बंधन में बांधे रखता है। इस कार्यक्रम में सावन शर्मा, सपना, भावना, प्रतिमा, पूजा, प्रियंका, रीता, सुषमा, राजीव कोठारी, रजनी, पूर्व प्रधान राकेश शर्मा, रघुवीर, बीना देवी, माया देवी, कविता आदि लोग उपस्थित रहे।
मौसम का हाल
उत्तराखंड में रविवार की सुबह से ही आसमान में बादल छाए हैं। देहरादून सहित कई स्थानों पर बूंदाबांदी हो रही है। ऐमें रात को चांद का दीदार होने पर भी संशय बना हुआ है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, उत्तराखंड में आज रविवार को उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी, देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, चमोली, नैनीताल और चंपावत जिले में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश गर्जन के साथ बारिश के आसार हैं। इसके साथ ही उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, जिले में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। ऐसे में सर्दी भी बढ़ सकती है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।