ड्रोन के लिए केंद्र ने जारी किए नए नियम, दी गई कई रियायत, यदि उड़ाना हो तो जान लें इन नियमों का
केंद्र सरकार ने देश में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए नए नियम जारी किए हैं। इसमें परिचालन संबंधी कई रियायत दी गई है। नए नियमों के अनुसार, शुल्क को नाममात्र के स्तर तक घटा दिया गया है।

ड्रोन नियम, 2021 बुधवार को जारी किए गए। इन नए नियमों ने मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 का स्थान लिया है। जो इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था। नए नियमों के अनुसार, शुल्क को नाममात्र के स्तर तक घटा दिया गया है। इसे ड्रोन के आकार से अलग कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, सभी श्रेणियों के ड्रोनों के रिमोट पायलट लाइसेंस के लिए शुल्क 3000 रुपये (एक बड़े ड्रोन के लिए) को घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है और यह 10 साल के लिए वैध रहेगा।
नए नियमों के तहत ग्रीन जोन में ड्रोन के परिचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। ग्रीन जोन का अर्थ है 400 फीट या 120 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है। इसे एयरस्पेस नक्शे में लाल क्षेत्र या पीले क्षेत्र के रूप में नामित नहीं किया गया है। एक परिचालन हवाई अड्डे की परिधि से 8 और 12 किलोमीटर की पार्श्व दूरी के बीच स्थित क्षेत्र से 200 फीट या 60 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी के ऊपर का हवाई क्षेत्र। यलो जोन के हवाई अड्डे की परिधि के 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर तक कर दिया गया है। माइक्रो ड्रोन्स (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस को जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
नियमों ने विभिन्न मंजूरियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रख-रखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, परिचालक परमिट, शोध एवं विकास संगठन की स्वीकृति और विद्यार्थी रिमोट पायलट लाइसेंस शामिल हैं। ड्रोन नियम, 2021 के मुताबिक अन्य स्वीकृतियां जैसे विशिष्ट प्राधिकरण संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या और विनिर्माण एवं उड़ान योग्यता का प्रमाण-पत्र आदि को भी समाप्त कर दिया गया है। नये नियमों के अनुसार “ग्रीन जोन” में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
ग्रीन जोन का मतलब 400 फुट की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है। इसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में रेड जोन या येलो जोन के रूप में नामित नहीं किया गया है। ड्रोन नियम, 2021 ने ड्रोन के हस्तांतरण एवं पंजीकरण को रद्द करने के लिए आसान प्रक्रिया भी निर्धारित की है। नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही कहा गया है कि उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माना घटा कर एक लाख रुपये कर दिया गया है। नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा ड्रोन परिचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
नए नियमों के तहत ग्रीन जोन में ड्रोन के परिचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। ग्रीन जोन का अर्थ है 400 फीट या 120 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे एयरस्पेस नक्शे में लाल क्षेत्र या पीले क्षेत्र के रूप में नामित नहीं किया गया है। एक परिचालन हवाई अड्डे की परिधि से 8 और 12 किलोमीटर की पार्श्व दूरी के बीच स्थित क्षेत्र से 200 फीट या 60 मीटर की ऊर्ध्वाधर दूरी के ऊपर का हवाई क्षेत्र। यलो जोन के हवाई अड्डे की परिधि के 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर तक कर दिया गया है। माइक्रो ड्रोन्स (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए रिमोट पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस को जारी करने से पहले सुरक्षा मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।