युवा कवि ब्राह्मण आशीष उपाध्याय की व्यंगात्मक कविता- ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना

ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना
अपने स्वार्थ के लिए धरा आसमां बाटेंगे।
पेड़-पौधे, जीव-जंतु सब कुछ काटेंगे।।
व्यर्थ करेंगे जल और पिघला देंगे सारा हिम।
अपनों के ही लाशों से इस धरा को पाटेंगे।।
अपने स्वार्थ के लिए……….
हम हैं इंसान ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना।
हमसे कुछ भी नही है सुरक्षित बचना।।
जीव जंतु है भोज हमारे,इनको हमसे कौन उबारे।
अपने पापों से हम अपनी वंश बेल को काटेंगे।।
अपने स्वार्थ के लिए………
करेंगे दोहन जल का और थल का भी।
इस शुद्ध वायू और इस अनल का भी।।
होती है रुष्ट ये प्रकृति एक तने के कटने से।
फिर भी हम बड़े से बड़े जंगलों को काटेंगे।
अपने स्वार्थ के लिए……….
अपने स्वार्थ के लिए धरा आसमां बाटेंगे।
कवि का परिचय
नाम-ब्राह्मण आशीष उपाध्याय (विद्रोही)
पता-प्रतापगढ़ उत्तरप्रदेश
पेशे से छात्र और व्यवसायी युवा हिन्दी लेखक ब्राह्मण आशीष उपाध्याय #vद्रोही उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के एक छोटे से गाँव टांडा से ताल्लुक़ रखते हैं। उन्होंने पॉलिटेक्निक (नैनी प्रयागराज) और बीटेक ( बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से मेकैनिकल ) तक की शिक्षा प्राप्त की है। वह लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि के छात्र हैं। आशीष को कॉलेज के दिनों से ही लिखने में रुचि है। मोबाइल नंबर-75258 88880
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत सुन्दर रचना आशीष जी????