महाकुंभः हरिद्वार में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई का उल्लास, रथ पर सवार हुए संत, सीएम ने किया शुभारंभ
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हालांकि महाकुंभ की अवधि सरकार ने एक अप्रैल से तीस अप्रैल घोषित की है, इसके बावजूद कुंभ के कार्यक्रम पहले की भांति ही चल रहे हैं। अब धर्मनगरी हरिद्वार में अगले तीन दिन पांच संन्यासी अखाड़ों की पेशवाई का उल्लास रहेगा। इस बार पेशवाई का विस्तार भी किया गया है। यानी इस बार चंद्राचार्य चौक पर भी पेशवाईयां दस्तक देंगी।
आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी की पेशवाई निकाली गई। इस मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेशवाई का शुभारंभ करते हुए कहा कि कुंभ सनातन धर्म संस्कृति का शिखर पर्व है और यह देवभूमि उत्तराखंड का सौभाग्य की इसका आयोजन हरिद्वार में होता है। सरकार कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए संकल्परत है और हर संभव तैयारी कर रही है।
सीएम ने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए हर संभव व्यवस्था बनाई गई है। साथ ही संतों के सानिध्य में कुंभ दिव्य और भव्य रूप से सफल होगा। यह हमारी मां गंगा से प्रार्थना है और मां गंगा इसे पूर्ण रूप से निर्मित में सफल बनाएगी।
पेशवाई निकलने से कुंभ का भव्य स्वरूप देखने को मिल रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के रथ पर सवार होते ही पेशवाई की औपचारिक शुरुआत की गई। इससे पहले रथों को सजाया गया और पूजा-अर्चना की गई। वहीं, पेशवाई निकलने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कुंभ पुलिस के करीब दो हजार जवान तैनात हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।