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November 17, 2024

एम्स ऋषिकेश में पहली बार हुई बेंटाल सर्जरी, युवक को मिली नई जिंदगी

जन्म से ही बाइकेस्पिड एओर्टिक वाल्व और एओर्टा में कोक्रटेशन नाम की बीमारी से जूझ रहे एक 19 वर्षीय युवक का जीवन बचाने में एम्स के चिकित्सकों ने सफलता पायी है। यह उपचार बेंटाल सर्जरी के माध्यम से किया गया. जो बहुत ही जटिल प्रकार की सर्जरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एम्स में सीटीवीएस विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ. अनीश गुप्ता ने बताया कि रोगी की दिल्ली के एक अस्पताल में कोक्रटेशन ऑफ एओर्टा की सफल स्टेंटिंग हो चुकी थी। रोगी के दिल में जन्म से ही बाइकेस्पिड एओर्टिक वाल्व यानि तीन पत्तो की जगह दो पत्ते वाला हार्ट वाल्व था। उम्र बढ़ने पर धीरे-धीरे एओर्टा का नाप बढ़ता रहा और कई सालों बाद जब वह 18 वर्ष का हुआ तो वह एओर्टिक अनुरिस्म बीमारी से ग्रसित हो गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बिहार का रहने वाला यह रोगी एक इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र है। उसका वजन 103 किलोग्राम है। डॉ. अनीश ने बताया कि आम तौर पर आरोही महाधमनी (एओर्टा) का आकार 5-8 सेमी लंबी और 3-4 सेमी चैड़ी होती है। महाधमनी के 5.5 सेमी आकार के बाद फटने का खतरा बन जाता है। हालत बिगड़ने पर रोगी को एम्स ऋषिकेश भेजा गया। उनके नेतृत्व में सीटीवीएस विभाग की टीम ने मरीज की बेंटाल सर्जरी की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि बेंटाल ऑपरेशन में दिल से निकलने वाली महा धमनी एओर्टा को बदल दिया जाता है और एओर्टिक वाल्व भी बदला जाता है। सफल सर्जरी के बाद रोगी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 20 दिनों के भीतर उन्होंने बिहार लौटकर फिर से कॉलेज जॉइन किया। यह पहला मामला है, जब किसी 103 किलोग्राम वजन वाले मरीज की राज्य के किसी सरकारी स्वास्थ्य संस्थान में बेंटाल सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. अनीश गुप्ता के अलावा डॉ. दानेश्वर मीणा, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. अबीशो, डॉ. ईशान, डॉ सावन आदि शामिल थे। साथ ही एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. अजय कुमार, कार्डियोलॉजी की डॉ. भानु दुग्गल, डॉ. यश श्रीवास्तव और नर्सिंग टीम का भी इसमें विशेष सहयोग रहा। संस्थान की निदेशक प्रो. मीनू सिंह, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, सीटीवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ. अंशुमान दरबारी और यूनिट इंचार्ज डॉ. नम्रता गौड़ ने सर्जरी करने वाली टीम की प्रशंसा की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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