कृषि मंत्री पर अदालत के निर्देश गंभीर, प्रदेश के मुखिया लें तत्काल निर्णयः करन माहरा
1 min readउत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य के कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों पर न्यायालय की ओर से दिये गये निर्देश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के आरोपों के मामले में विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत ने मंत्री परिषद से निर्णय लेने के निर्देश दिए। जो कि गम्भीर विषय है। इस पर राज्य सरकार के मुखिया को तत्काल निर्णय लेना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
करन माहरा ने कहा कि यह कोई पहला अवसर नहीं है, जब भाजपा सरकार के किसी मंत्री पर आरोप लगे हों। इससे पूर्व कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोप लग चुके हैं। मुख्यमंत्री की ओर से इन आरोपों का संज्ञान नही लिया गया। अब न्यायालय द्वारा कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति के निर्देश दिये गये है, तो मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से आशा करते हैं कि वे निर्णय लेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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उन्होंने यह भी कहा कि आरटीआइ कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए करीब दो माह पूर्व विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत में एक प्रार्थना-पत्र दिया था। इसमें सतर्कता अधिष्ठान से कृषि मंत्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच का आग्रह किया गया था। न्यायालय की ओर से सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में आख्या मांगी गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने यह भी कहा कि कृषि मंत्री गणेश जोशी का विवादों से लंबा नाता रहा है। गणेश जोशी पहले भी सीबीआई के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुन चुके हैं। अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी जांच होनी है। जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है। उन्हें स्वयं इस मामले का संज्ञान लेते हुए कृषि मंत्री गणेश जोशी को पद से हटाते हुए मामले में जांच बिठानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री गणेश जोशी को मामले की जांच पूरी होने तक नैतिकता के आधार पर मंत्री पद से त्यागपत्र देना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो राज्यपाल को उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के नेता भी स्वयं चाहते हैं कि मामले की जांच हो। इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने धामी सरकार को गीता का ज्ञान देते हुए कहा है कि यदि भ्रष्टाचार पर सरकार का जीरो टॉलरेंस का रवैया रहता है तो धर्म का रास्ता अपनाते हुए, जिस पर आरोप लगे हैं उसकी जांच करवाने के लिए सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।