युवा कवि विनय अन्थवाल की कविता-हम बदल रहे हैं
हम बदल रहे हैं
हम कैसे अब बदल रहे हैं
मर्यादाएँ तोड़ रहे हैं।
भौतिकता में भटक रहे हैं
चरित्र अपना खो रहे हैं।
संस्कारों को भूल रहे हैं
पावन से हम पतित बने हैं ।
देहभान में भटक रहे हैं
आत्मस्वरुप को भूल गए हैं।
प्रेम शब्द का ज्ञान नहीं है
वासना में डूब रहे हैं।
अध्यात्म अपना छोड़कर के
पतन की ओर जा रहे हैं।
आत्मोन्नति से अनभिज्ञ होकर
भौतिक शरीर को सजा रहे हैं।
अन्त:करण दूषित करके
झूठा चेहरा चमका रहे हैं।
कवि का परिचय
नाम -विनय अन्थवाल
शिक्षा -आचार्य (M.A)संस्कृत, B.ed
व्यवसाय-अध्यापन
मूल निवास-ग्राम-चन्दी (चारीधार) पोस्ट-बरसीर जखोली, जिला रुद्रप्रयाग उत्तराखंड।
वर्तमान पता-शिमला बाईपास रोड़ रतनपुर (जागृति विहार) नयागाँव देहरादून, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।