राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते 35 पदक, आज सड़क पर नमकीन और बिस्कुट बेचकर कर रही गुजारा
तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदकों पर निशाना लगा चुकी दून की दिव्यांग शूटर दिलराज कौर आज जीवनयापन के लिए सड़क किनारे नमकीन और बिस्किट बेचने को मजबूर हैं।

दिलराज कौर ऐसा नाम है, जिसने विभिन्न प्रतियोगिताओं में 24 स्वर्ण, आठ रजत और तीन कांस्य जीते हैं। उन्होंने उत्तराखंड स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 2016 से 2021 तक चार स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी एक रजत पदक हासिल किया। इस तरह उनके नाम कुल 35 पदक हैं।
यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी देहरादून के गांधी पार्क के बाहर दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में नमकीन और बिस्कुट बेचती दिखी। दिलराज के मुताबिक उन्होंने बीते 15-16 साल में निशानेबाजी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है। इसके बदले में सरकार उन्हें एक अदद नौकरी तक उपलब्ध नहीं करा पाई।
दिलराज ने सिस्टम पर तंज कसते हुए कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आत्मनिर्भर बनो। मैं नमकीन-बिस्किट बेचकर आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रही हूं। तीन-चार महीने से घर के आसपास अस्थायी दुकान लगा रही थी, मगर वहां ज्यादा बिक्री नहीं होती थी। किसी ने सुझाव दिया कि भीड़ वाले क्षेत्र में बेचो तो गांधी पार्क के बाहर काम शुरू कर दिया।
पिता की पेंशन से चल रहा परिवार
दिलराज के पिता सरकारी कर्मचारी थे। वर्ष 2019 में उनका निधन हो गया। इसके बाद उनकी पेंशन और भाई तेजिंदर सिंह की प्राइवेट नौकरी से किसी तरह गुजर-बसर हो रहा था। इस वर्ष फरवरी में भाई का भी निधन हो गया। अब घर में दिलराज और उनकी मां ही रह गई हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।