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April 21, 2025

उत्तराखंड में मौसम साफ, चारधाम यात्रा सुचारु, अभी तक 969610 ने किए दर्शन, धामों में कचरे के ढेर, जानिए मौसम का हाल

लगातार दो दिन की बारिश के बाद बुधवार को उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में मौसम साफ है। देहरादून का अधिकतम तापमान 30 और न्यूतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तक रहने का आज अनुमान है। इस बीच सुबह के समय पहाड़ों में मौसम साफ होने के चलते चारधाम यात्रा सुचारु कर दी गई है।

लगातार दो दिन की बारिश के बाद बुधवार को उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र में मौसम साफ है। देहरादून का अधिकतम तापमान 30 और न्यूतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस तक रहने का आज अनुमान है। इस बीच सुबह के समय पहाड़ों में मौसम साफ होने के चलते चारधाम यात्रा सुचारु कर दी गई है। मौसम खराबी के चलते कल केदारनाथ जाने व वापस लौटने वालो यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया गया था। साथ ही हेली सर्विस भी ठप रही थी। केदारनाथ में अच्छी खासी बर्फ पड़ चुकी है। वहीं अन्य धामों की चोटियां भी बर्फ से ढकने लगी हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि अभी पहाड़ों में बारिश का दौर जारी रहेगा। साथ ही मैदानी क्षेत्र शुष्क रहेंगे। वहीं, अब तक चारों धामों में 969610 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। वहीं, चिंताजनक बात ये है कि धामों में कचरा प्रबंधन नहीं हो रहा है। जगह जगह कचरे के ढेर लगने लगे हैं। वहीं, आज बुधवार को तबीयत बिगड़ने पर दो यात्रियों का केदारनाथ से हेली रेस्क्यू किया गया। उन्हें एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया।

मौसम साफ होने पर सुचारु की गई चारधाम यात्रा
बारिश और बर्फबारी के बाद मंगलवार को रोकी गई चारधाम यात्रा बुधवार को मौसम साफ होने के बाद सुचारु हो गई है। केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा भी सुचारु हो गई है। केदारनाथ सहित बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में मौसम साफ होने के बाद तीर्थयात्री इन धामों की ओर रवाना हुए। बारिश और बर्फबारी ने दूसरे दिन मंगलवार को भी चारधाम यात्रा में व्यवधान डाला। पैदल ट्रैक पर चोटिल होने के खतरे को देखते हुए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम की यात्रा मंगलवार को आधे दिन ही चल पाई। इन धामों में दर्शन के लिए जाने वाले करीब 12 हजार श्रद्धालुओं को पड़ावों पर ही रोका गया। इन्हें बुधवार सुबह आगे की यात्रा के लिए रवाना किया गया। वहीं बदरीनाथ धाम व गंगोत्री की यात्रा सुचारू रही।

हेली सेवाएं भी रही ठप
धुंध की वजह से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं भी पूरे दिन ठप रहीं। सुबह के वक्त केवल तीन ही उड़ान हो पाईं। केदारनाथ धाम में सुबह नौ बजे बारिश और बर्फबारी शुरू हुई, जो दोपहर एक बजे तक चली। अलग-अलग चरणों में पड़ावों से करीब दस हजार श्रद्धालुओं को धाम के लिए रवाना किया गया, लेकिन बारिश को देखते हुए दोपहर 12 बजे करीब आठ हजार यात्रियों को पड़ावों पर ही रोक दिया गया।
पवनहंस हेली सेवा के जरिये दो मरीज पहुंचाए गए एम्स
केदारनाथ में अचानक तबीयत बिगड़ने से दो मरीजों को रेस्क्यू कर पवनहंस हेली सर्विस से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया गया। समय पर अस्पताल पहुंचाने से दोनों मरीजों की जान बच पाई। इससे पहले भी पवनहंस की ओर से कई मरीजों का रेस्क्यू किया गया है। गौरतलब है कि चारधामों के अधिक ऊंचाई पर होने के चलते वहां ऑक्सीजन की कमी रहती है। ऐसे में चारधाम में हृदय गति रुकने से मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। चार धाम यात्रा में अब तक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और पहाड़ी से गिरने के कारण 62 यात्रियों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चार धाम के दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

अब तक कुल 969610 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
गौरतलब है कि तीन मई की गंगोत्री और यमुनोत्री, छह मई को केदारनाथ और आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। चारों धामों में 24 मई की शाम तक कुल 969610 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इनमें आठ मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से लेकर 24 मई की शाम तक बदरीनाथ धाम में कुल 318396 श्रद्धालु, श्री केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 24 मई शायं तक 320833 श्रद्धालु, श्री गंगोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 24 मई तक 190482 श्रद्धालु, श्री यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 24 मई तक 139899 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावाल श्री हेमकुंड साहिब लोकपाल तीर्थ में कपाट खुलने की तिथि 22 मई से 24 मई देर शाम तक 8350 श्रद्धालु पहुंचे।

कचरे के ढेर बने मुसीबत
चारधाम यात्रा में इस साला भारी भीड़ उमड़ी है। श्रद्धालु की लंबी-लंबी कतारें दर्शन के लिए लाइनों में खड़ी हैं। कोरोना के कारण दो साल बाद इस साल चार धाम यात्रा पर काफी ज्यादा श्रद्धालु आ रहे है। इससे वहां जगह-जगह प्लास्टिक की थैलियों, बोतलों सहित कचरे का ढेर दिखाई दे रहा है। यात्रा रूट पर कचरा पड़ा है। एएनआई ने बर्फ से ढके पहाड़ों के साथ भूमि के बड़े हिस्से में फैले कई टेंटों की एक तस्वीर ट्वीट की। हालांकि, यह क्षेत्र पूरी तरह से प्लास्टिक की वस्तुओं के लिए प्रतिबंधित है। इसके बावजूद फेंकी गई प्लास्टिक की वस्तुओं जैसे बैग और बोतलों के साथ-साथ अन्य तरह के कचरों से पटा पड़ा है।

पर्यावरण को खतरा
धामो में कचरे के ढेर के चलते वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। उनका कहना है कि इससे प्रदूषण और नेचुरल डिजास्टर्स का खतरा भी बढ़ सकता है। बता दें कि जून 2013 में बादल फटने से पूरे उत्तराखंड में विनाशकारी बाढ़ और लैंडस्लाइड हुआ। चार हजार से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। इस बार तीन मई से अब तक चार धाम तीर्थस्थलों के रास्ते में 57 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
आज का मौसम
राज्य मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, आज यानि कि 25 मई को उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिले में ऊंचाई वाले स्थानों पर कहीं कहीं दोपहर बाद से लेकर शाम तक बहुत हल्की से हल्की बारिश गर्जन के साथ हो सकती है। राज्य के शेष इलाकों में मौसम साफ रहने की संभावना है।
आगामी मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 26 मई से लेकर 29 मई तक राज्य के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में ऊंचाई वाले स्थानों पर व अन्य स्थान में कहीं कहीं दोपहर बाद से शाम तक बहुत हल्की से हल्की बारिश हो सकती है। अन्य इलाकों में मौसम साफ रहने का अनुमान है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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