उत्तराखंड क्रिकेट में गड़बड़झाला, सीएयू सचिव सहित सात के खिलाफ एफआइआर, मैच खिलाने को मांगे दस लाख, दी धमकी

गौरतलब है कि प्रतिभावान आर्य सेठी विजय हजारे और उत्तराखंड की टीम में सदस्य रहा है। उसके पिता रवि सेठी के मुताबिक माहिम ने उसे टीम में खिलाने के बदले में 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। न देने पर उसे मैच से बाहर बिठाए रखा। युवा क्रिकेटर आर्य सेठी और उसके पिता वीरेंद्र सेठी को जान से मारने की धमकी देने-टीम में चयन के लिए 10 लाख रूपये की फिरौती मांगने के मामले में ये मुकदमा दर्ज कराया है।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया मुकदमा
राजधानी की थाना वसंत विहार पुलिस ने पहले जुडीशियल मजिस्ट्रेट के आदेश के बावजूद मामले को घुमा-फिरा रही थी। खिलाड़ियों के भविष्य से जुड़ा होने के कारण इस मामले में खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ ही सीएम कार्यालय भी लगातार नजर रख रहे हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद अब माहिम, उसके PA सत्यम शर्मा और बाकी अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। सभी आरोपी देहरादून के पते पर रहते हैं।संजय गुसाईं को छोड़ बाकी उत्तर प्रदेश और झारखंड की पृष्ठ भूमि से हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस और सरकार के सक्रिय होने से अब कई और खिलाड़ी ऐसे मामलों को ले के सामने आने का हौसला दिखा सकते हैं।
FIR के मुताबिक आर्य सेठी के साथ ट्रेनिंग के दौरान मनीष झा ने गाली गलौच-मारपीट की। इसकी शिकायत माहिम वर्मा से की गई। मनीष, पीयूष, नवनीत ने इस पर आर्य को बुला के धमकी दी कि यूपी के माफिया बृजेश सिंह से गोली मरवा देंगे। पीयूष ने कहा कि बृजेश उसके चाचा हैं। बेटे को इस संगीन धमकी पर वीरेंद्र ने माहिम से बात की। माहिम ने कहा कि तुमको 10 लाख रूपये तो देने ही पड़ेंगे। वरना हम तुम्हारे बेटे का कैरियर खराब कर देंगे। यही बात सत्यम, पीयूष, नवनीत, संजय और पारुल ने भी कही।
आरोप हैं कि वीरेंद्र अपने मित्र रवि सैनी के साथ विधायक हरबंस कपूर के निधन पर उनके घर इन्दिरा नगर वसंत विहार गए तो माहिम वहां मिल गया। माहिम से बेटे के संबंध में फिर गुजारिश की गई तो माहिम ने फिर 10 लाख रूपये की मांग की। इसके बाद वह गाली-गलौच करने लगा। इसका विरोध करने पर वह मार-पीट और जान से मारने की धमकी देने लगा। ये भी धमकी फिर दोहराई कि हम तेरे बेटे का भविष्य खराब कर के रहेंगे। तुझसे हमारा जो होता है कर लो।
पुलिस ने सभी मुल्जिमों के खिलाफ कल रात 10.43 बजे IPC की धारा-120-B (सामूहिक साजिश), 323 (मारपीट करना-1 साल की सजा या जुर्माना), 384 (डरा-धमका के फिरौती मांगना-3 साल की सजा या फिर आजीवन), 504 (सामाजिक अपमान), 506 (जान से मारने की धमकी-7 साल की अधिकतम सजा) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया। इस पूरे मामले में थाना वसंत विहार पुलिस की भूमिका पर अंगुली उठती रही।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।