उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति हड़ताल को अडिग, पूर्ण भागीदारी को भरे जाएंगे घोषणा पत्र
चलाया जा रहा है आंदोलन
गौरतलब है कि 18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तराखंड के कर्मचारियों, शिक्षकों और अधाकारियों ने साझा मंच का गठन किया है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले ही सिलसिलेवार आंदोलन किए जा रहे हैं। आंदोलन के तहत अभी तक गेट मीटिंग, जिला स्तरीय धरने, जिला स्तरीय रैली का आयोजन किया गया है। आंदोलन के चौथे चरण में छह अक्टूबर को देहरादून में प्रदेश स्तरीय हुंकार रैली निकाली गई।
पहले शासन की वेतन विसंगति समिति की बैठक समिति के साथ 29 सितंबर को हुई थी। इसमें समिति के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न समस्याओं को वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह के समक्ष बिंदुवार रखा। बैठक में अध्यक्ष की ओर से सार्थक प्रयास का आश्वासन दिया गया। इसके बाद एक अक्टूबर को समन्वय समिति के प्रतिनिधिमंडल की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ सचिवालय में मांग पत्र पर विस्तार से वार्ता हुई। इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने बिंदुवार चर्चा के दौरान ही कार्मिक विभाग को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान अपर सचिव ने आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया था, लेकिन समन्वय समिति ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर समस्त प्रकरणों पर ठोस निर्णय लेने की मांग की। बैठक तय नहीं हुई और इस पर पांच अक्टूबर को हुंकार रैली निकाली गई । कर्मियों ने तय किया है कि 26 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।
गेट मीटिंग में हड़ताल को सफल बनाने पर जोर
हड़ताल को सफल बनाने के लिए इन दिनों दो घंटे का कार्यबहिष्कार कर विभागों के समक्ष गेट मीटिंग कर कार्मिकों को हड़ताल के लिए जागरूक किया जा रहा है। आज गुरुवार को आयोजित बैठक में अब तक के आंदोलन की समीक्षा की गई। बैठक में तय किया गया कि समस्त संवर्गीय संगठनों के पदाधिकारियों से समन्वय समिति के संयोजक मंडल के सदस्य व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें भी आन्दोलन में पूर्ण भागीदार के लिए प्रेरित करेंगे।
तय किया गया कि समन्वय समिति के प्रान्तीय संयोजक मंडल की ओर से कार्मिकों से अनिश्चितकालीन हडताल में प्रतिभाग करने के लिए घोषणा पत्र भराया जाएगा। इस घोषणा पत्र को समस्त परिसंघों एवं जनपदीय संयोजक मंडल को प्रेषित किया जायेगा। जनपदीय संयोजक मंडल जनपद के समस्त कार्मिकों एवं शिक्षकों से प्रारूप भरवाकर अपने पास एकत्र करेंगे। इसकी सूचना निर्धारित प्रारूप पर प्रान्तीय संयोजक मण्डल को भी प्रेषित करेंगे।
समन्वय समिति के समस्त घटक परिसंघ भी समन्वय समिति की ओर से जारी घोषणा पत्र को भरकर जनपदीय संयोजकों को उपलब्ध कराने के लिए अपने स्तर से भी निर्देशित करेंगे। तय किया गया कि दिनांक 25 अक्टूबर को पुनः समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा। बैठक में प्रदेश के समस्त कार्मिकों, शिक्षकों से अपील की गई कि आपदा की इस घड़ी में पीडितों को पूर्ण सहयोग प्रदान करें। साथ ही बैठक के अंत में आपदा में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शान्ति के लिए 02 मिनट को मौन रखा गया।
बैठक में संयोजक मंडल ने जानकारी दी कि अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति का आंदोलन प्रदेश भर में चलाया जा रहा है। बडी संख्या में नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोडा, पिथौरागढ, उद्धमसिहं नगर, चम्पावत, हरिद्वार, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, पौडी, कोटद्वार, रूद्रप्रयाग व देहरादून में विभिन्न विभागों में भी 02 घण्टे का कार्यबहिष्कार कर जमकर नारेबाजी एवं प्रदर्शन किया गया। कल की गेट मीटिंग का आयोजन मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय, देहरादून में किया जायेगा।
आज मीटिंग में प्रताप पंवार, अरूण पाण्डेय, शक्ति प्रसाद भट्ट, पंचम सिंह बिष्ट, पूर्णानन्द नौटियाल, चौधरी ओमवीर सिंह, दीप चन्द बुडलाकोटी, निशंक सरोही, राकेश रावत, अनिल सिंह पंवार, राजेन्द सिंह चैहान, बलराम कुर्मी, जयप्रकाश यादव आदि कर्मचारी नेताओं ने प्रतिभाग किया।
ये हैं मांगे
1-प्रदेश के समस्त राज्य कार्मिकों, शिक्षकों, निगम, निकाय, पुलिस कार्मिकों को पूर्व की भांति 10, 16, व 26 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति न होने की दशा में पदोन्नति वेतनमान अनुमन्य किया जाये।
2-राज्य कार्मिकों के लिए निर्धारित गोल्डन कार्ड की विसंगतियों का निराकरण करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति सीजीएसएस की व्यवस्था प्रदेश में लागू की जाय। प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर उच्च कोटि के समस्त अस्पतालों को अधिकृत किया जाये। तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से निर्धारित धनराशि में 50 फीसद कटौती कम की जाए।
3-पदोन्नति के लिए पात्रता अवधि में पूर्व की भांति शिथिलीकरण की व्यवस्था बहाल की जाए।
4-प्रदेश में पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
5-मिनिस्टीरियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक के पद की शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट के स्थान पर स्नातक की जाए। तथा एक वर्षीय कम्प्यूटर ज्ञान अनिवार्य किया जाए।
6-वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति के सोपान बढ़ाते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 में वरिष्ठ वैयक्तिक अधिकारी का पद सृजित किया जाए।
7-राजकीय वाहन चालकों को ग्रेड वेतन रु0 2400.00 इग्नोर करते हुए स्टाफिंग पैर्टन के अन्तर्गत ग्रेड वेतन रु0 4800.00 तक अनुमन्य किया जाए।
8-चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को भी वाहन चालकों की भांति स्टाफिंग पैर्टन लागू करते हुए ग्रेड वेतन रु0 4200.00 तक अनुमन्य किया जाए।
9-समस्त अभियन्त्रण विभागों में कनिष्ठ अभियन्ता (प्राविधिक)/संगणक के सेवा प्राविधान एक समान करते हुए इस विसंगति को दूर किया जाए।
10-विभिन्न विभागीय संवर्गो के वेतन विसंगति/स्टापिंग पैर्टड के प्रकरण जो शासन स्तर पर लम्बित हैं, उनका शीघ्र निस्तारण किया जाये।
11-जिन विभागों के ढांचे का पुर्नगठन/एकीकरण शासन स्तर पर किया जाना प्रस्तावित हैं, उन विभागों के पूर्व स्वीकृत पदों में कटौती न की जाये। ताकि कार्मिको के पदोंन्नति के अवसर बाधित न हों।
12-राज्य सरकार की ओर से लागू एसीपी/एमएसीपी के शासनादेश में उत्पन्न विसंगति को दूर करते हुए पदोन्नति के लिए निर्धारित मापदंडो के अनुसार सभी लेवल के कार्मिकों के लिये 10 वर्ष के स्थान पर 05 वर्ष की चरित्र पंजिका देखने तथा “अतिउत्तम” के स्थान पर “उत्तम” की प्रविष्टि को ही आधार मानकर संशोधित आदेश शीघ्र जारी किया जाए।
13-जिन विभागों का पुर्नगठन अभी तक शासन स्तर पर लम्बित है, उन विभागों का शीघ्र पुनर्गठन किया जाए।
14-31 दिसम्बर तथा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों को 06 माह की अवधि पूर्ण मानते हुये एक वेतन वृद्धि अनुमन्य कर सेवानिवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाए।
15-स्थानान्तरण अधिनियम-2017 में उत्पन्न विसंगतियों का निराकरण किया जाए।
16-राज्य कार्मिकों की भांति निगम/निकाय कार्मिकों को भी समान रूप से समस्त लाभ प्रदान किये जाए।
17-तदर्थ रूप से नियुक्त कार्मिकों की विनियमितिकरण से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्ति की तिथि से सेवाओं को जोड़ते हुये वेतन/सैलेक्शन ग्रेड/एसीपी/पेंशन आदि समस्त लाभ प्रदान किया जाए।
18-समन्वय समिति से सम्बद्ध समस्त परिसंघों के साथ पूर्व में शासन स्तर पर हुई बैठकों में किये गये समझौते/निर्णयों के अनुरूप शीघ्र शासनादेश जारी कराया जाए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।