प्रदेश हित में नहीं है उत्तराखंड सरकार की नई आबकारी नीतिः किरन रावत

उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय महामंत्री किरन रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जो नई आबकारी नीति घोषित की है, वो बिल्कुल भी प्रदेश हित में नहीं है। उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी की मांग करता रहा है। वहीं सरकार शराब को बढ़ावा देने का काम कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक बयान में किरन रावत ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी सरकार ने शराब से 5000 करोड़ रुपये प्रदेश की जनता से वसूलने के लिए लक्ष्य तय किया है। यह लोगों को सोचना होगा कि सरकार अपने प्रदेश के बजट का पांच फीसद हिस्सा शराब से वसूल रही है। जो कहीं ना कहीं हमारे लोगों का शोषण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अधिकतर महिलाएं शराबबंदी ना होने के कारण बहुत परेशान हैं। कहीं ना कहीं इसका भार महिलाओं की पारिवारिक और आर्थिक स्थिति को कमजोर करता है। जहां एक तरफ महिलाएं शराबबंदी के लिए सड़कों पर आंदोलन रहती हैं, वहीं दूसरी और सरकार प्रत्येक वर्ष आबकारी से अधिक लाभ कमाने के लिए नई नीति ला देती है। सरकार यदि ईमानदार है तो यह पूरा 5000 करोड़ प्रदेश की सभी महिलाओं के खाते में डाल देना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने हा कि दिल्ली में भाजपा सरकार ने सभी महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 2500 रुपये देने का वादा किया है। उत्तराखंड में भी ऐसी ही व्यवस्थाएं लागू होनी चाहिए। क्योंकि यहां की महिलाएं विषम भौगोलिक स्थिति में रहती हैं और कार्य करती है। साथ ही उन्होंने मांग की कि जब तक प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी लागू नहीं हो जातीस, तब तक आबकारी से वसूला जाने वाला 5000 करोड़ रुपये उत्तराखंड की महिलाओं के खातों में डाला जाए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।