युवा कवयित्री एवं छात्रा शिक्षा पुंडीर की दो कविताएं
” जिंदगी “
ये कोरे कागज सी जिंदगी
आ कुछ भर ले इसमें
थोड़ा काला थोड़ा नीला, हरा
हर रंग बिखेर दे इसमें
कोरा कागज़ कही कम न पड़ जाए
आ अभी से सवार ले इसे
ये जिंदगी है मेरे दोस्त
आ थोड़ा मुस्कुरा के जी ले इसे
कविता-2
कुछ पन्ने यू देख लिए उस डायरी के
जो जिंदगी भर लिख रहे थे
कुछ पन्ने गुम से हो गए
कुछ आधे फट गए ,
कुछ यूं बिखर रह गए ।।
हर पन्ने पर जिंदगी उभरी पड़ी मिली
कुछ मीठी कुछ कड़वी यादे मिली ।।
हर याद पे आंखे यू बरस पड़ी
जैसे सावन अभी तक रुका था ।।
यांदे यू आसमान में बिखर रही थी
जैसे यादों में सतरंगी इन्द्रधनुष हो ।।
जो पन्ने बिखर गए उन्हें थोड़ा सभाल लू
एक पल रुको
जरा अपनी दुनिया समेट लू
कवयित्री का परिचय
शिक्षा पुंडीर
निवास-ग्राम परतोली, ब्लॉक कर्णप्रयाग, जिला चमोली गढ़वाल, उत्तराखंड।
शिक्षा- पीजी कॉलेज गोपेश्वर, चमोली गढ़वाल में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।