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November 22, 2024

वन आरक्षी परीक्षा से पहले नकल कराने की साजिश रच रहे गिरोह के दो लोग गिरफ्तार, अन्य कई की तलाश

उत्तराखंड में बार बार सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षाओं में नकल का ग्रहण लग रहा है। आज भी प्रदेश के 624 केंद्रों पर वन आरक्षी के 894 पदों के लिए भर्ती परीक्षा होनी है। इस परीक्षा से करीब 12 घंटे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पेपर लीक कराने व ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये नकल कराने की साजिश रचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया। एसटीएफ ने गिरोह के सरगना मुकेश सैनी व उसके सहयोगी सहायक प्रवक्ता रचित पुंडीर को गिरफ्तार किया है। सरगना व नकल माफिया मुकेश सैनी रुड़की में एमएस कोचिंग सेंटर का संचालक है, जबकि रचित पुंडीर हरिद्वार में एक निजी कालेज में सहायक प्रवक्ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एटीएफ की सतर्कता के चलते इस बार नकल माफियाओं का मंसूबे पूरे नहीं हो पाए हैं। हाल ही में सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के लिए नकल विरोधी विधेयक पारित किया था। कहा गया था कि इससे नकल में अंकुश लग जाएगा, वहीं, फिर से नकल गिरोह सामने आने के बाद साफ हो गया है कि नकल कराने वालों का किसी का डर नहीं रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि कुछ व्यक्ति जनपद हरिद्वार क्षेत्र में रविवार को होने वाली वन आरक्षी परीक्षा में शामिल होने जा रहे परीक्षार्थियों को धनराशि लेकर नकल कराने का प्रयास कर रहे हैं। बताया गया कि इसका सरगना एमएस कोचिंग सेन्टर का संचालक मुकेश सैनी है, जो कि पूर्व में भी नकल कराने के जुर्म में कई बार जेल जा चुका है। वह एक कुख्यात नकल माफिया है। इस पर एसटीएफ की टीम ने एमएस कोचिंग सेन्टर के संचालक मुकेश सैनी के गुरुकुल नारसन में स्थित कोचिंग सेन्टर पर छापा मारा गया। जहाँ पर मुकेश सैनी व उसके साथी रचित पुंडीर को गिरफ्तार किया गया। उनके कब्जे से परीक्षा में नकल कराने के लिए प्रयोग की जाने वाली साम्रगी ब्लूटूथ डिवाईस भी बरामद की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अपराध का तरीका
मुकेश सैनी पूर्व में अनेक बार परीक्षाओं में नकल कराने के जुर्म में जेल जा चुका हैं। क्षेत्र में इसको नकल माफिया के नाम से जाना जाता है। नकल करके परीक्षा पास करने के इच्छुक अभ्यर्थी लगातार इसके सम्पर्क में रहते है। फरवरी 2020 में आयोजित वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में इसके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर बडे पैमाने पर नकल कराई गई थी, परन्तु अभ्यर्थियों के साथ बाद में समझौता कर मुकदमें से बरी हो गया था, जिससे इसके इरादे और मजबूत हो गये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसने पूर्व की भाँति इस बार भी वन आरक्षी परीक्षा में अपने साथी रचित पुण्डीर के साथ मिलकर नकल कराने की योजना बनाई। इसके लिये उसने लगभग 15 अभ्यर्थियों से लगभग 04 लाख रूपये प्रति अभ्यर्थी के हिसाब से तय किया था, जिसमें अग्रिम धनराशि के रूप में पचास हजार से एक लाख रूपये तक लिये गये तथा कुछ अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल के लिये ब्लुटूथ डिवाईस दे दी गई और उसके प्रयोग तरीका भी बता दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रचित पुण्डीर हरिद्वार के एक कालेज में सहायक प्रोफेसर है। पूर्व में भी वन आरक्षी परीक्षा में प्रष्न पत्र मुकेष सैनी को परीक्षा के दौरान भेजने के आरोप में जेल जा चुका है। रचित पुण्डीर ने आगामी वन आरक्षी परीक्षा में परीक्षा केन्द्र पर अपनी कक्ष निरीक्षक के पद पर ड्युटी लगवाने की तैयारी कर ली थी। जहॅा से इसकी योजना परीक्षा के दौरान प्रष्न पत्र को व्हाट्सअप व अन्य माध्यम से मुकेष सैनी को भेजने की थी। मुकेश सैनी द्वारा इस प्रष्न पत्र को अपने साथियो के साथ मिलकर हल किया जाता एवं छात्रों को दी गई डिवाईस पर काँल करके उत्तर बताये जाते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गिरफ्तार अभियुक्त
1. मुकेश सैनी पुत्र जल सिंह नि0 हरचन्दपुर, मंगलौर, हरिद्वार।
2.रचित पुण्डीर पुत्र कुलवीर सिंह पुण्डीर नि0 ग्राम खंजरपुर रूडकी हरिद्वार।
प्रकाश में आये अभ्यर्थी
1. प्रदीप पुत्र बाबूराम निवासी ग्राम नसीरपुर थाना मंगलौर उम्र 24 वर्ष
2 अभिषेक पुत्र अमलेश कुमार निवासी ग्राम नसीरपुर थाना मंगलौर
3 अंकुल पुत्र आनंद निवासी ग्राम रायसी थाना लक्सर जनपद हरिद्वार उम्र 25 वर्ष
इसके साथ ही अन्य अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस तरह सामने आए कई परीक्षा घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 44 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता हाकम सिंह भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है। अब इन परीक्षाओं को भी निरस्त कर दिया गया है। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की पेपर लीक व नकल के कारण अब तक कई भर्ती परीक्षाएं निरस्त की जा चुकी हैं। जिसमें जेई, एई, लेखपाल परीक्षा, पीसीएस मुख्य परीक्षा, वन आरक्षी और सहायक लेखाकार परीक्षा शामिल है।

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