बदनाम हुआ भगवाधारी, जिस साधु को दी गई इसी साल पद्मश्री, उस पर महिला से रेप के आरोप, गर्भपात और धमकी

पश्चिम बंगाल में जिस साधु को इसी साल 2025 में पद्मश्री पुरस्कार दिया गया, उस पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। भगवाधारी इस साधु को पद्मश्री पुरस्कार भी ममता बनर्जी सरकार से टकराने पर मोदी सरकार की ओर से दिए गए ईनाम की तरह देखा गया था। अब खबर से आ रही है कि इस साधु ने छह माह में एक महिला से कई बार रेप किया। गर्भवती होने पर उसका गर्भपात भी कराया। साथ ही उसे धमकी भी दी गई। महिला का कहना है कि उसने स्कूल में नौकरी दिलाने का वादा करके उसका यौन शोषण किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मामला पश्चिम बंगाल का है। जहां एक महिला ने आरोप लगाया है कि भारत सेवाश्रम संघ के कार्तिक महाराज ने उसे नौकरी दिलाने का वादा करके 2013 से अब तक कई बार उसके साथ बलात्कार किया है। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित साधु स्वामी प्रदीप्तानंद को ही कार्तिक महाराज के नाम से जाना जाता है। महिला का आरोप है कि एक स्कूल में नौकरी दिलाने के बहाने 2013 से कई बार उसके साथ बलात्कार किया। राज्य के मुर्शिदाबाद जिले में भारत सेवाश्रम संघ की बेलडांगा इकाई से जुड़े साधु ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे उन्हें बदनाम करने की साजिश करार दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महाराज इस साल पद्म श्री पुरस्कार पाने वालों लोगों में शामिल थे। देश का ये चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है। महिला के आरापों ने अब केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल ये है कि क्या किसी पुरस्कार को देने से पहले उसके लिए चयनित व्यक्ति की जांच नहीं की जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिला ने पुलिस को दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि 2012 में उसकी मुलाकात साधु से आश्रम में हुई थी। साधु ने उसे आश्रम की ओर से संचालित संस्था चाणक आदिवासी आबासिक बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने का वादा किया था। महिला ने बताया कि जनवरी 2013 में उसे स्कूल के छात्रावास में रहने के लिए रखा गया था, लेकिन साधु उसे इमारत की पांचवीं मंजिल पर स्थित एक कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। जल्द ही नौकरी देने के आश्वासन पर वह हर दिन उसे परिसर की पांचवीं मंजिल पर एक कमरे में ले जाकर दुष्कर्म करता रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिकायत में महिला ने कहा कि उसने 12 जून को महाराज को फोन किया और उन्होंने उझे अगली शाम अल्पसंख्यक कार्यालय के पास इंतजार करने को कहा। दो व्यक्ति उसे चार पहिया वाहन पर यह वादा करते हुए ले गए कि उसे महाराज के पास ले जाएंगे, लेकिन कुछ दूर जाने पर उन्होंने उसे एसयूवी से धक्का दे दिया। साथ ही चेतावनी दी कि वह उनसे संपर्क करने की कोशिश न करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, साधु ने आरोपों को साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, समय सब कुछ उजागर कर देगा। यह मेरे नाम और प्रसिद्धि को बदनाम करने की साजिश है। हमारे आश्रम में बहुत सी महिलाएं काम करती हैं और कई महिला शिष्य हैं। उनसे पूछिए, सभी कहेंगे कि हम महिलाओं का अपनी मां की तरह सम्मान करते हैं। आप शिकायतकर्ता के पिता या परिवार के सदस्यों से भी संपर्क कर सकते हैं।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।