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December 23, 2024

इस बार अल नीनो बिगाड़ सकता है मानसून का खेल, पड़ सकती है ज्यादा गर्मी, पढ़िए क्या है पूर्वानुमान

बेमौमस बारिश ने किसानों को इस साल बहुत परेशान किया है। रबी के सीजन की फसल को काफी नुकसान हुआ। अब मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक इस सत्र तकरीबन एक सप्ताह देरी से मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद है। वहीं मौसम वैज्ञानिक इस साल औसत वर्षा होने की बात कह रहे हैं। मौसम विभाग ने बताया कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में जल का गर्म होना शुरू हो गया है और अल नीनो की स्थिति बनने की 90 प्रतिशत संभावना है, जो मानसून की बारिश को प्रभावित करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हालांकि, हिंद महासागर में इसके लिए अनुकूल दशा ‘आईओडी’ बनने की संभावना है। जो अलनीनो के प्रभाव को दूर करेगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के ईएमआरसी यानी पर्यावरण निगरानी और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख डी शिवानंद पई ने बताया कि इस साल अल नीनो और अनुकूल आईओडी की स्थिति है। मध्य भारत में अल नीनो से होने वाली बारिश में कमी की भरपाई अनुकूल आईओडी से होने की संभावना है। वहीं, उत्तर-पश्चिम भारत के मामले में शायद ऐसा नहीं हो। यानी इन मौसमी दशाओं को देखते हुए मौसम विभाग ने उत्तर-पश्चिम को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में सामान्य मानसून की बारिश का अनुमान जताया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस बार देरी से दस्तक से सकता है मानसून
पिछले कुछ वर्षों से 14 से 16 जून के आस-पास मानसून आता रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून का केरल में ही आगमन सामान्य तिथि से चार दिन बाद संभावित है। ऐसे में राजनांदगांव जिले में मानसून की दस्तक 20 जून को हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन राज्यों में हो सकती है कम बारिश
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में शामिल राजस्‍थान, हरियाणा और पंजाब में इस बार मानसून में बारिश की कमी देखी जा सकती है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश में मानसून का मिला-जुला असर देखने को मिलेगा। मौसम विभाग का कहना है कि जून से सितंबर तक 96 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसमें 4 फीसदी मौसमी कारणों का अंतराल रखा गया है। आईएमडी ने यह भी कहा कि ‘मानसून के क्षेत्र’ या देश के वर्षा-आधारित क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून 96-106 प्रतिशत के साथ सामान्य रहने की उम्मीद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मानसून को लेकर आईएमडी का गणित समझिए
इससे पहले अप्रैल में आईएमडी ने देश में सामान्य मानसून का पूर्वानुमान बताया था। जिसमें लंबी अवधि आधार पर औसत पांच प्रतिशत के त्रुटि अंतराल के साथ, 96 प्रतिशत बारिश होने की उम्मीद जताई गई। आईएमडी ने चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के लिए सामान्य बारिश को 50 साल के औसत 87 सेमी बारिश के साथ 96 प्रतिशत और 104 प्रतिशत के बीच परिभाषित करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पिछले साल गलत हुआ था पूर्वानुमान
दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर केरल में एक जून से सात दिन तक पहले या बाद में दस्तक देता है। आईएमडी 2005 से केरल में मानसून की शुरुआत की तारीख के लिए परिचालन पूर्वानुमान जारी कर रहा है। पिछले साल मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने कहा कि पिछले 18 सालों यानी 2005 से 2022 के दौरान केरल में मानसून के दस्तक देने की तारीख का पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अल नीनो ने बढ़ाई चिंता
भारत में अल नीनो को चिंता बढ़ रही है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के मुताबिक अल नीनो जुलाई के अंत तक आ सकता है। जुलाई में इसके आने की संभावना 60 प्रतिशत और सितंबर के अंत तक 80 प्रतिशत है। भारत में मानसून के दौरान अल नीनो की संभावना 70 प्रतिशत तक है। डब्ल्यूएमओ के क्षेत्रीय जलवायु पूर्वानुमान सेवा प्रभाग के प्रमुख विल्फ्रान मौफौमा ओकिया ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में कहा था कि यह दुनियाभर में मौसम और जलवायु की प्रणाली को बदल देगा। अल नीनो के भारत पर असर को लेकर मौसम वैज्ञानिकों ने साल 2023 में अल नीनो के प्रभाव की चेतावनी दी है। यह भारत के लिए बिल्कुल ही अच्छी खबर नहीं है। क्योंकि अल-नीनो के कारण सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है। कई राज्यों में जलाशय सूख सकते हैं और नदियों में भी पानी की कमी हो सकती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इन फसलों पर पड़ सकता है असर
ध्यान रहे कि गर्मी का सबसे ज्यादा असर रबी की फसलों पर पड़ता है। रबी की फसलों में गेहूं सहित जौ, चना, मसूर और सरसों आती हैं। भारत गेहूं उत्पादन में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। भयंकर गर्मी की स्थिति के कारण साल 2022 में गेहूं उत्पादन में 23 मिलियन टन की कमी आई थी। साल 2021 में भारत ने 129 मिलियन टन गेहूं उत्पादन किया था, जो 2022 में घटकर 106 मिलियन टन पर पहुंच गया था। अतः अल नीनो का असर देश के खाद्यान्न उत्पादन पर भी पड़ने की सम्भावना है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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