साहित्यकार मोहन थपलियाल की साहित्य यात्रा पर हुआ मंथन, उनकी कहानियों पर हुई चर्चा
देश-दुनिया के प्रसिद्ध पत्रकार और साहित्यकार स्व. मोहन थपलियाल की साहित्यिक-यात्रा पर आनलाइन मंथन हुआ।
देश-दुनिया के प्रसिद्ध पत्रकार और साहित्यकार स्व. मोहन थपलियाल की साहित्यिक-यात्रा पर आनलाइन मंथन हुआ। उत्तराखंड की जिया पेज पर आयोजित इस आनलाइन कार्यक्रम में साहित्यकारों ने स्व. थपलियाल को अव्वल दर्जे का साहित्यकार बताते हुये उनसे जुडे़ स्मरण को साझा किया। साथ ही उनके काम के समुचित मूल्यांकन पर जोर दिया गया। इसमें स्वर्गीय मोहन थपलियाल की सुपुत्री प्रीति थपलियाल ने पिता से जुड़े स्मरण व प्रेरक साहित्यिक प्रसंगों को बताया।एक स्वर में साहित्यकारों ने कहा कि स्वर्गीय मोहन थपलियाल एक अद्भुत रचनाकार थे। उनकी रचनायें कालजयी हैं। पमपम बैंड मास्टर की बरात कहानी मोहन थपलियाल की चर्चित कहानियों में थी, जो लखनऊ के साहित्य जगत में खासी चर्चा का विषय बनी। साहित्यकार लक्ष्मी प्रसाद बडोनी ‘दर्द गढ़वाली’ ने कहा कि स्व. मोहन थपलियाल एक अव्वल दर्जे के पत्रकार और लेखक थे। लखनऊ में अमृत प्रभात अखबार में रहते हुए स्व. मोहन थपलियाल ने पत्रकारिता का स्तर कभी गिरने नहीं दिया, हालांकि अब पत्रकारिता का स्तर धीरे-धीरे पतन की ओर जा रहा है।
वरिष्ठ साहित्यकार बंधु कुशवार्थी ने कहा कि मोहन थपलियाल ने जर्मन कवि बैर्तोल्त ब्रेख्त की कविताओं का हिंदी में रूपांतरण भी किया था, जिसे काफी पसंद किया गया। महेश पांडे, अशोक चंद्र ने कहा कि स्व. मोहन थपलियाल की रचनाएं साहित्य को हमेशा नई दिशा व दशा देता रहेगा। आदि ने विचार रखे। संचालन जया हिंदवान ने किया।





