तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर पीएम ने विपक्षी पार्टियों की सरकारों को बताया जिम्मेदार, उत्तराखंड में भी पेट्रोल सौ के पार
इस समय देश के अधिकांश भाग में पेट्रोल की कीमत सौ रुपये के पार है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन कीमतों को लेकर गैर भाजपा शासित सरकारों को ही जिम्मेदार मानते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की। पीएम ने इस बैठक में पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि नागरिकों पर पड़ रहे बोझ को राज्य सरकार वैट कम कर के कम करें। पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा। मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बात सही है कि वैट कम करने से राज्यों को आर्थिक नुकसान होता है, लेकिन गुजरात और कर्नाटक ने वैट कम कर के लोगों को राहत दी, लेकिन कुछ राज्यों ने केंद्र की बात को नहीं माना.पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत का बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में पिछले नवंबर में कमी की थी। राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वो अपने यहां टैक्स कम करें। कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो युद्ध की परिस्थिति पैदा हुई है, जिससे सप्लाई चैन प्रभावित हुई है। ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं.ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है। ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल, सामंजस्य पहले से अधिक आवश्यक है।
कांग्रेस ने किया पलटवार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर उन पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए। जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे।
उन्होंने ट्वीट किया कि-मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं। कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है। कांग्रेस नेता ने आग्रह किया कि-कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करिये।
सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए। उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी। उन्होंने कहा कि आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।