देहरादून के शायर एवं पत्रकार दर्द गढ़वाली की ग़ज़ल-जगह-जगह है वतन की खुशबू
जगह-जगह है वतन की खुशबू।
महक रही है हवन की खुशबू।।
जरा सी चूमें जो लब वो हमने।
बदन में आई चमन की खुशबू।
किया जो शेरों में जिक्र उसका।
ग़ज़ल में आई हिरन की खुशबू।।
किसे सुनाएं ब्यथा ये अपनी।
न मार डाले घुटन की खुशबू।।
दिशा से उत्तर की आ रहे हो।
कहां से लाए दकन की खुशबू।।
कहां छिपे हो इधर तो आओ।
न जीने देगी बदन की खुशबू।।
ये किसने जुल्फें बिखेर दी हैं।
ये किधर से आई समन की खुशबू।।
दर्द गढ़वाली का परिचय
नामः लक्ष्मी प्रसाद बडोनी
उपनामः दर्द गढ़वाली
जन्म तिथिः 23 अक्टूबर 1965
जन्म स्थानः उत्तरकाशी
मूल निवासीः भटवाड़ा, टिहरी गढ़वाल
वर्तमान पताः बडोनी भवन
देवपुरम कालोनी, लोअर तुनवाला
देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइलः 09455485094
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। जो पत्रकारिता के साथ ही साहित्य के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।