शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता- भारत मां के लाल बिपिन रावत
भारत मां के लाल बिपिन रावत
विश्वास नहीं होता !
भारत मां के लाल
उत्तराखंड के जवान
उत्तराखंड के शेर
किन शब्दों से सम्मान करूं तुम्हारा
शब्द भी अटक जाते है मेरे
सीडीएस जनरल बिपिन रावत
आपके शौर्य व गरिमा पर
पाकिस्तान चीन को थर्र थर्र क॔पाने
वाले शक्श का नाम है बिपिन रावत
सर्जिकल स्ट्राइक
एयर स्ट्राइक को अंजाम देने का
नाम है बिपिन रावत
भारत मां के शूरवीर लाल हैं
बिपिन रावत
उत्तराखंड पहाड के शेर हैं
बिपिन रावत
आज विश्वास नहीं होता
कि तुम इस धरा से चले गये
देश का प्रहरी जवान
कभी मरता नहीं
बह युगों युगों तक अमर रहता है
भारत का गौरव
भारत मां का सम्मान बढाया तुमने
अपनी मातृभूमि की खातिर
न जाने क्या क्या किया तुमने
धरा रो रही आज भारत मां
इस सपूत के लिए
आसमां दुःखी आज
इस अमर जवान के लिए
तुम ही तो थे जिन्होंने
भारत के दुश्मनों को ललकारा
तुम ही तो जिन्होनें
पीओके को भारत में मिलाने की
व्यूह रचना की
तुम्हें शत शत नमन
सब शहीदों को शत् शत् नमन
जयहिन्द! वन्दे मातरम्!!
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे, तब से ही लेखन व सृजन कार्य शुरू कर दिया था। जनपद उत्तरकाशी मे कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।