शिक्षक राजेंद्र प्रसाद जोशी की कविता- मैं नेता नहीं हूं
“मैं” नेता नहीं हूं!
सच कहते हैं, लोग कि “मैं” नेता नहीं हूं!
क्योंकि मैं किसी से कुछ लेता नहीं हूं ।
इसके भी अलावा सदा गुणहीन रहा मैं,
क्या क्या हैं मेरे दोष, बताता हूं तुम्हें मैं ।
मुझे पीना, पिलाना नही आता,
मुझे शब्ज बाग दिखाना नही आता ।
जनता को जुमलों में फसाना नहीं आता,
मुझे झूठ, फरेब से रिझाना नहीं आता ।
बेईमानी, दगाबाजी का हुनर सीखा न सिखाया
चमचागिरी कभी किसी की करना नहीं भाया
बातों की जलेबी कभी बना न सका मैं
न किसी की मजबूरी का कोई फायदा ही उठाया
हुनर गर मुझमें भी कुछ ऐसे आ जाएं,
तो शायद हम भी अच्छे नेता बन जाएं ।
शायद गुणगान तब लोग हमारे भी करेंगे,
नेता जी की जय हो, विजय हो ये नारे गूजेंगे ।।
कवि का परिचय
राजेंद्र प्रसाद जोशी
अनुदेशक (Instructor)
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला) देहरादून, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।