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September 12, 2025

शिक्षक एवं कवि श्याम लाल भारती की कविता-माटी, पुष्प, अश्रु, नारी की कहानी

श्याम लाल भारती राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय देवनगर चोपड़ा में अध्यापक हैं और गांव कोठगी रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड के निवासी हैं।

माटी पुष्प, अश्रु, नारी की कहानी

हे! माटी तेरी भी क्या अजब कहानी,
धरती पर ही तुझको हरियाली लानी।
कितना देती है तू अपने पुत्रों को,
कष्ट सहकर भी तेरी अमर कहानी।।

हे! पुष्प तेरी भी क्या गजब कहानी,
महक बिखेरना तेरी निशानी।
टूटा जब भी डाली से तू,
छोड़ी नहीं फिर भी खूशुबू बहानी।
टूटकर भी है तेरी अमर कहानी।।

हे! पनघट तेरी भी क्या अजब कहानी,
सबको देता अविरल पानी।
तू ही जीवन तू ही दानी,
प्यास बुझाना, तेरी अमर कहानी।

हे! अश्रु तेरी भी क्या गजब कहानी,
आंखों से बहना तेरी निशानी।
कभी सुख में बहना कभी दुःख में बहना,
बहकर भी है तेरी अमर कहानी।।

हे! पथ तेरी भी गजब कहानी,
ठोकरें लगाना तेरी निशानी।
भूले भटकों को सही राह दिखानी
इसीलिए है तेरी अमर कहानी।।

हे! नारी तेरी भी क्या गजब कहानी,
जननी बनना तेरी निशानी।
आंचल में पनाह और आंखों में पानी,
कोख में मरकर भी तेरी अमर कहानी।।
अमर कहानी! अमर कहानी!

कवि का परिचय
श्याम लाल भारती राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय देवनगर चोपड़ा में अध्यापक हैं और गांव कोठगी रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड के निवासी हैं। श्यामलाल भारती जी की विशेषता ये है कि वे उत्तराखंड की महान विभूतियों पर कविता लिखते हैं। कविता के माध्यम से ही वे ऐसे लोगों की जीवनी लोगों को पढ़ा देते हैं।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “शिक्षक एवं कवि श्याम लाल भारती की कविता-माटी, पुष्प, अश्रु, नारी की कहानी

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