Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 11, 2025

शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता-एक समय आयेगा, शहर से गांव को तरसेंगे लोग

एक समय आयेगा
एक समय आयेगा जब
शहर से गांव को तरसेंगे लोग
एक समय आयेगा जब
पैदल चलने को तरसेंगे लोग
एक समय आयेगा जब
अपनी विरासत से
जुडना चाहेंगै लोग
पैदल बारात
का इन्जाय करना चाहेंगे लोग
इधर उधर भटक कर अपनी
सनातन संस्कृति में आयेंगे लोग
एक समय आयेगा जब भारत,को
विश्व गुरु का गौरव लौटायेंगे लोग
एक समय आयेगा जब
शहरों से गांव को लौटने को
तरसेंगे लोग
एक समय आयेगा जब
अपनी मिट्टी से जुडेंगे लोग
विश्व में मां भारती का डंका बजेगा
संस्कृत वेदों और ॠषियों कै शोध
को ढूंढेंगे लोग
शान्ति की खोज में हिमालय की
शान्त वादियों मे निकलेंगे लोग
कवि का परिचय
रामचन्द्र नौटियाल राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गड़थ विकासखंड चिन्यालीसौड, उत्तरकाशी में भाषा के अध्यापक हैं। वह गांव जिब्या पट्टी दशगी जिला उत्तरकाशी उत्तराखंड के निवासी हैं। रामचन्द्र नौटियाल जब हाईस्कूल में ही पढ़ते थे, तब से ही लेखन व सृजन कार्य शुरू कर दिया था। वह कई साहित्यिक मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां देते रहते हैं।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page