हां ! असफलता जब जब खुद को दोहराती है हमें बहुत कुछ नया सिखाती है मेरी कलम से मेरा नाता...
Young poetess
सुनो आज कुछ लिखूं, इसका ख्याल आया है तो लिखूं क्या ये ख्याल ही नहीं बन पाया है, तो सोचा...
अपारदर्शी घटना से जब एक भावपूर्ण इंसान का भाव शून्य हो जाता है जब गुजरता है इंसान इस राह से...
बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग खुद के लिए बुरे होते हैं खुद को विचारों के आगोश में थामे नहीं दे...
खुद की खामोशी में छिपे शोर से एक रोज रिहा हो जाएंगे जब तब बताएंगे पहचाना तो सही थोड़ा जान...
विचारों में नकारात्मकता का प्रवेश यूं ही नहीं होता, साफ मन का छले जाना, अलगाव का भाव मिल जाना, सही...
जरूरी है क्या? हर लड़का फिल्मों में दिखाए गए अमीर बाप की बिगड़ी औलाद नही होता। कुछ लड़के घर की...
क्या लिखूं इन हालातों पर.... इन बदलते ख्यालातों पर.. सोचा क्या कभी ? क्यों ये हालात इतने बदलने से लग...
एक छोटा सा शब्द जिसमे मेरी जान बसती है, रोते हुए भी मेने मुकुराया हे जब मेरी माँ हंसती है...
थोड़े से गम हैं हिस्से में अगर, खुशियां भी आएंगी कभी थोड़े गहरे से जख्म है मगर ये लाइलाज़ तो...