सर्दी डर रही है हर गली चौराहे पर, चाय की थडियों पर, विद्यालयों के प्रांगण में, मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों में,...
Young poet
जब मैं खुद के अंदर देखता हूँ.... जब मैं खुद के अंदर देखता हूँ, एक नया किरदार पाता हूँ, एक...
अपना आईना जिंदगी से लम्हा चुरा बटुए में रखता रहा ! फुर्सत से खरचूंगा बस यही सोचता रहा। उधड़ती रही...
चलो एक बार फिर से… चलो एक बार फिर से,उंचाइयों को चूमते हैं,नया इतिहास रचते हैं,नया पैगाम पहुँचाते हैं,सोए हुए...
नदी को चिट्ठी प्रिय अलकनंदा ,सस्नेह प्रणाम , कैसी हो तुम, कुछ दिन तुम्हें नहीं देखा तो तुम्हारी याद आने...
" मां "एक ख्वाब सा है,तेरा मेरा साथ ।।हर जन्म का नाता है ,तेरा मेरा साथ।।मेरे हर दर्द की दवा...
ये आई मैं किस दुनिया में ऊंचे मध्य हिमालय की इन ,गहन घाटियों की गोदी में ।ओढ़ ओढ़नी हरियाली की,सहज...
संविधान की रग-रग में 26/11 का खून बहता दिखता है,राष्ट्र की संप्रभुता और एकता पर प्रश्नचिन्ह लगता दिखता है,सहज में...
सड़क किनारे जिंदगी मूक देखती रह जाएगी खून से सने हाथों से गिरेबाँ पकड़ी जाएगी,सामंती तलवारें नन्हें हाथों में लहराएंगी,गठजोड़ों...