देख रही है प्रिय धरा निरंतर ! फाख्ता गौरैया ग्लैडोलिया, गेंदा गुड़हल गुलदाऊदी। हरित क्षेत्र सम्मुख सुरपर्वत, पुष्प पर्ण सुरभित...
Writer and poet
चतुर्मास मे पपीहा प्यासा ! कोविड से छा गई निराशा। चतुर्मास में पपीहा प्यासा, कोविड से छा गई निराशा। सुबह...
आवाजी : शिवजी का वाद्य यन्त्र है - ढोल ! ऐ मधुर झंकार ! सहस्त्र सुर लय ताल, दिव्य- मनोहर...