बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग खुद के लिए बुरे होते हैं खुद को विचारों के आगोश में थामे नहीं दे...
युवा कवयित्री
खुद की खामोशी में छिपे शोर से एक रोज रिहा हो जाएंगे जब तब बताएंगे पहचाना तो सही थोड़ा जान...
विचारों में नकारात्मकता का प्रवेश यूं ही नहीं होता, साफ मन का छले जाना, अलगाव का भाव मिल जाना, सही...
आखिर है क्या ये जीत और हार मन की हो तो जीत ना तो हार, या इकरार को जीत कह...
सुकून सुकून किसी की चाहत मे नहीं, सुकून किसी के इबादत मे नहीं, सुकून किसी को पा लेने का नाम...
कौन कहता है अकेलापन दर्द देता है, ये वो वक्त है जब इंसान खुद को परखता है! दर्द तो दिल...
एक दायरे तक हो खुल कर हँसना खुल कर रोना जो भी हो बस, एक दायरे तक हो। बदसुलूकी अंत...
जरूरी है क्या? हर लड़का फिल्मों में दिखाए गए अमीर बाप की बिगड़ी औलाद नही होता। कुछ लड़के घर की...
लोगों को सिर्फ क्यों दिखती है शहर की चहल पहल, शानों-शौक़त क्यों किसी को नही दिखती वो कूड़ा बिनती लाचार...